बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

Bihar News: चिराग के दल से इस्तीफा देकर खूब बरसे राकेश रौशन, वीर का बेटा हूँ लड़ते लड़ते मरना पसंद करूँगा, जदयू के खिलाफ ठोकेंगे ताल

केश रौशन ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से आगामी चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े होने की घोषणा की। चिराग पासवान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गठबंधन की राजनीति ने नुकसान पहुँचाया है.

Rakesh Raushan
Rakesh Raushan- फोटो : news4nation

Bihar News: लोजपा (रामविलास) से इस्तीफ़ा देने की घोषणा के बाद युवा नेता राकेश रौशन ने सोमवार को बड़ी घोषणा की. राकेश रौशन ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से आगामी चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े होने की घोषणा की। उन्होंने दावा किया कि उनके साथ 28,000 स्नातकों का समर्थन है. अब वे इस चुनाव को उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले में बदल देने का दावा किया. साथ ही कहा कि अब हैरान कर देने वाले नतीजे की भी उम्मीद जनता ने बांध ली है।


चिराग पर हमला : चिराग पासवान का नाम लिए बिना राकेश रौशन ने  कटाक्ष करते हुए कहा कि “पिछले कुछ समय से मैं महसूस कर रहा था कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों पर समर्पित और सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। गठबंधन की राजनीति के चलते इन महत्वपूर्ण विषयों पर प्रभावी काम करना संभव नहीं हो पा रहा था। LJP-Ramvilas के अन्य नेताओं के जैसे मेरा सपना भी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का है, लेकिन मैं मानता हूँ कि इस उद्देश्य को गठबंधन के ढांचे में रहकर पूरा नहीं किया जा सकता। इसी कारण, वर्ष 2020 में हमारी पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़कर अपना वर्चस्व स्थापित किया था।”



वीर का बेटा हूँ  : उन्होंने गठबंधन की राजनीति के दुष्परिणामों गिनाते हुए कहा कि इस राह में कई कार्यकर्ताओं और नेताओं का नुकसान हुआ है। उदाहरण के तौर पर, रूपौली विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रमुख नेता शंकर सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ने पर मजबूर होना पड़ा और उनकी जीत के बाद उन्हें जेडीयू में शामिल होना पड़ा।गठबंधन ने कई बलि  ली है और अभी कई बलि आने वाले चुनाव में ली जाएगी।मैं वीर का बेटा हूँ लड़ते लड़ते मरना पसंद करूँगा ना की बलि चढ़ने का।


मज़बूत राजनीतिक मंच बनाएंगे : राकेश रौशन ने कहा कि उनका उद्देश्य युवाओं, छात्रों और शिक्षित वर्ग की आवाज़ को एक मज़बूत राजनीतिक मंच प्रदान करना है। “मैं चाहता हूँ कि समाज के हर वर्ग का सहयोग मिले ताकि हम प्रगति की दिशा में एक सशक्त सामूहिक कदम उठा सकें।

रजनीश की रिपोर्ट

Editor's Picks