PATNA : बिहार के 4 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है। ऐसे में चारों सीटों पर सभी पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने इमामगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए दीपा मांझी को अपना उम्मीदवार बनाया। दरअसल, दीपा मांझी जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी की पत्नी हैं ऐसे में जीतनराम मांझी के सिंबल देते ही सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष के साथ साथ सत्ता पक्ष में शामिल लोजपा(रा) ने ही जीतनराम मांझी पर परिवारवाद का आरोप लगा दिया। जिसके बाद मांझी ने इस मामले में सफाई पेश की है।
लोजपा(रा)- हम आमने-सामने
दरअसल, हम और लोजपा(रा) दोनों ही एनडीए गठबंधन में हिस्सेदार हैं। लेकिन आए दिन कई मामलों में दोनों पार्टी एक दूसरे पर हमला करते रहते हैं। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर भी आमने-सामने आ चुके हैं। वहीं बीते दिन केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के जीजा और जमुई से सांसद अरुण भारती ने भी बहू को टिकट देने पर ट्विट कर मांझी पर निशाना साधा था। वहीं अब जीतन राम मांझी ने भी ट्विट कर अपनी सफाई पेश की है।
जीतनराम मांझी ने दी सफाई
जीतन राम मांझी ने ट्विट पर बताया कि क्यों उन्होंने अपनी बहू को इमामगंज से टिकट दिया। मांझी ने लिखा कि, "दीपा कुमारी को आप सिर्फ़ जीतन राम मांझी की बहू बताकर हमारे ऊपर परिवारवाद का आरोप नहीं लगा सकतें। वैसे लोगों को मैं बता देना चाहता हूँ कि… “दीपा से मैंने संतोष सुमन की शादी इसलिए कराई कि वह हमारे समाज की पहली लड़की रही जो तमाम समाजिक ताना-बाना के इतर हमारे गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगा रही थी”।
दीपा मांझी को इसलिए बनाया उम्मीदवार
मांझी ने आगे लिखा कि, “मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले दीपा जिला परिषद की सदस्य निर्वाचित हो चुकी थी” और“संतोष कुमार सुमन के MLC बनने या मंत्री बनने से पहले से दीपा कुमारी पुरी तरह से राजनीति में सक्रिय थी”। “जब भी विपक्ष ने किसी महिला को आगे करके हमारे NDA गठबंधन के नेताओं को घेरने की कोशिश की दीपा ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है”
परिवारवाद का आरोप लगाने वालों की विकृत मानसिकता
जीतन राम मांझी ने कहा कि, ऐसी है समाज में अलख जगाने वाली “दीपा” अब इसके बावजूद भी यदि कोई दीपा का नाम लेकर मेरे ऊपर परिवारवाद का आरोप लगा रहें है तो वह उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। बता दें कि बीते दिन अरुण भारती ने ट्विट कर कहा था कि, उप-वर्गीकरण के समर्थक जीतनराम मांझी को उप-वर्गीकरण सबसे पहले यहां लागू करना चाहिए।