Bihar Politics: बिहार के पड़ोसी राज्य यूपी में सियासत गरमाई हुई है। जिसका असर अब बिहार में देखने को मिल सकता है। दरअसल, यूपी के पूर्व सीएम औऱ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग की है। उन्होंने सीएम नीतीश से अपील की है कि वो केंद्र की मोदी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लें। अखिलेश यादव ने कहा है कि सीएम नीतीश प्रधानमंत्री के अगुवाई वाली सरकार से जदयू के समर्थन को वापस लें। वहीं अब जदयू की ओर से अखिलेश यादव को जबाव दी गई है। जदयू के सपा अध्यक्ष की अपील को हैरत अंगेज बताया हैय़
सपा अध्यक्ष की अपील हैरतअंगेज़
दरअसल, जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर यूपी सरकार द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि देने से कथित रूप से रोके जाने एवं इसके आधार पर जेपी आंदोलन के प्रमुख नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एनडीए गठबंधन से समर्थन वापस लेने की नसीहत को हैरतअंगेज़ बताया है।
जेपी पर सियासत ना करें अखिलेश
उन्होंने कहा कि मध्य रात्रि में श्रद्धांजली देने अखिलेश यादव पहुंचे गये। सब्र रखना चाहिए था। क्या अखिलेश यादव जेपी को श्रद्धांजलि तक सीमित रखना चाहते हैं ? परिवारवाद वंशवाद व्यवस्था परिवर्तन के खिलाफ जेपी ने संघर्ष किया। यह अखिलेश यादव देखें। इन मूल्यों की परवाह अखिलेश ने नहीं की। एक पूरे परिवार का समाजवादी पार्टी पर कब्जा है। उन्हें जेपी पर सियासत नहीं करनी चाहिए।
जदयू का गठबंधन अटूट
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को जेपी पर बोलने का हक नहीं है। कांग्रेस के कारण जेपी को कितनी यंत्रणाएँ झेलनी पड़ी, ये सब जानते हैं। प्रसाद ने कहा कि जदयू का गठबंधन अटूट है और हम लोग मजबूती से साथ हैं। बता दें कि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि, "बहुत से समाजवादी लोग सरकार में हैं जो सरकार को चला रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके (जय प्रकाश नारायण) आंदोलन से निकले हैं, यह नीतीश कुमार के लिए उस सरकार से समर्थन वापस लेने का मौका है जो समाजवादियों को जय प्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं दे रही है।"
दिल्ली से धीरज की रिपोर्ट