PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर 15 दिसम्बर से बिहार के अलग अलग जिलों के संभावित दौरे पर जा रहे हैं। यह सीएम नीतीश की 15 वीं यात्रा होगी। जिसका नाम महिला संवाद यात्रा रखा गया है। इस यात्रा के दौरान नीतीश कुमार महिलाओं से संवाद स्थापित कर उनके लिए किसी नयी योजना की शुरुआत कर सकते हैं। हालाँकि इसके पहले आधी आबादी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। अब इन्तजार कैश ट्रांसफर स्कीम का किया जा रहा है।
2025 में बिहार विधानसभा के चुनाव होंगे। इसके पहले सीएम का महिला संवाद यात्रा पर जाना कुछ इसी तरह का इशारा भी कर रहा है। वजह यह है की महिलाओं को हर माह एक तय रकम देने की स्कीमों को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के चुनाव नतीजों के लिहाज से गेमचेंजर माना जा रहा है। इससे पहले मध्य प्रदेश में महिलाओं को कैश ट्रांसफर की स्कीम चुनावी लाभ के नजरिये से लाभप्रद साबित हो चुकी है। चुनाव में सफलता पाने के लिए रामबाण साबित हो रही इस तरह की स्कीमें कई राज्यों में राजनीतिक दलों के घोषणापत्र का अहम हिस्सा रहीं हैं।
लिहाजा आज यह स्थिति है कि देश के नौ राज्य महिलाओं को कैश ट्रांसफर पर बड़ी रकम खर्च करने जा रहे हैं। इन राज्यों ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने बजट में महिलाओं को कैश ट्रांसफर करने के लिए कुल मिला कर एक लाख करोड़ से अधिक की रकम का आवंटन किया है। वित्त वर्ष 2022-23 में सिर्फ असम और बंगाल में ही ऐसी स्कीमें थीं। मगर पिछले दो वर्षों में इस तरह की स्कीम लागू करने वाले राज्यों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पंजाब, हरियाणा और तेलंगाना के चुनावी वादों में इस तरह की स्कीमें शामिल रहीं हैं। फ़िलहाल इस तरह की योजना इन राज्यों में चलायी जा रही है...
अब विधानसभा चुनाव को लेकर इसी तरह का दवाब नीतीश सरकार पर भी है। इन स्कीमों का ट्रेंड रहा है की चुनाव के पहले इस स्कीम के तहत एक दो क़िस्त लाभार्थियों को दे दी जाती है। इसके बाद चुनाव में इसे बढाने के दावे किये जाते हैं। इस रास्ते पर चलकर 9 में 8 राज्यों में वादे करनेवाली पार्टी ने अपना सरकार बना लिया है। संभावना जताई जा रही है की महिला संवाद यात्रा के बाद सीएम नीतीश भी इस तरह का ऐलान कर सकते हैं। और बिहार महिलाओं का कैश ट्रांसफर करनेवाला दसवां राज्य बन सकता है। सबसे अधिक राशि फिलहाल महिलाओं को झारखंड में दी जाती है। महिलाओं को इससे अधिक राशि बिहार में मिल सकती है। हालाँकि इस योजना की फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।