Bihar Vidhan Parishad : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में एक विजेंद्र यादव थेथर हैं. वहीं लालू यादव की राजद के सबसे वरिष्ठ नेताओं में एक अब्दुल बारी सिद्दीकी भोथर हैं. जदयू के विजेंद्र यादव को थेथर और अब्दुल बारी सिद्दीकी को भोथर बताने का खुलासा मंगलवार को बिहार विधान परिषद में हुआ. बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान परिषद में विजेंद्र यादव और अब्दुल बारी सिद्दीकी के बीच दोस्ताना बहसबाजी हुई. लेकिन बहसबाजी में थेथर, भोथर, बकलैल जैसे शब्दों का प्रयोग एक दूसरे के खिलाफ किया गया. आम तौर पर बिहार में ऐसे शब्दों का प्रयोग एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए किया जाता है.
दरअसल, परिषद में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एक प्रस्ताव लाया. इसमें कब्रिस्तानों की चारदीवारी को ऊंचा करने की मांग की गई. उनहोंने कहा कि कई जगहों पर कब्रिस्तान की चारदीवारी कम रहने के कारण वहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि कब्रिस्तानों की चारदीवारी को ऊंचा किया जाए. सिद्दीकी के इस प्रस्ताव पर बिहार के उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने एक लाइन में ख़ारिज कर दिया कि कब्रिस्तानों की चारदीवारी को ऊंचा करने का कोई नियम नहीं है.
इस पर अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा विजेंद्र यादव मेरे पुराने मित्र हैं. लेकिन हमारे मिथिला में एक कहावत है कि 'थेथरई से थेथरई किये करै छि, लात-जूता खाके नीके रही छि'. (जो जिद्दी किस्म के होते हैं वे समझाने से भी नहीं समझते बल्कि लात-जूता खाकर भी रहते हैं) सिद्दीकी के इतना बोलते ही विजेंद्र यादव ने भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मैं भी मिथिला का हूँ. हमारे यहाँ ऐसे लोगों (सिद्दीकी) को बकलैल और बकनैन (मूर्ख) कहा जाता है. सिद्दीकी बकलैल और बकनैन वाली भाषा का प्रयोग कर रहे हैं.
विजेंद्र और सिद्दीकी के बीच सदन में टूट रही भाषाई मर्यादा पर मंत्री विजय चौधरी ने बीच में दोनों को टोकते हुए कहा कि मैं भी मिथिला का हूँ. भले ही विजेंद्र और सिद्दीकी करीबी मित्र हों लेकिन सदन की गरिमा के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. हालाँकि इसी बीच अब्दुल बारी सिद्दीकी ने फिर से कहा कि हम दोनों एक ही गुरु के चेले हैं. विजेंद्र यादव थेथर हैं. इस पर तुरंत विजेंद्र यादव ने कहा कि और अब्दुल बारी सिद्दीकी भोथर हैं.
वंदना की रिपोर्ट