Bihar News: भीषण गर्मी को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का अलर्ट, बिहार सहित 11 राज्यों को भेजा पत्र, दिया सख्त निर्देश
Bihar News: बिहार सहित देशभर में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। गर्मी को देखते हुए अब राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने 11 राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है। एनएचआरसी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सख्त निर्देश दिया है।

Bihar News: देशभर में गर्मी अपना कहर बरपाए हुए है। भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। बिहार सहित देशभर में भीषण गर्मी और लू का खतरा बढ़ते जा रहा है। वहीं भीषण गर्मी को देखते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने एक अहम कदम उठाया है। आयोग ने बिहार समेत 11 राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर तुरंत प्रभाव से ठोस और समावेशी एहतियाती उपाय अपनाने का निर्देश दिया है।
NHRC ने 11 राज्यों को लिखा पत्र
एनएचआरसी ने विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, बाहरी कामगारों, बुजुर्गों, बच्चों और बेघर लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने को कहा है। आयोग ने पत्र में कहा है कि गर्मी से जुड़ी आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए तत्काल आश्रय केंद्र, राहत सामग्री की व्यवस्था और काम के घंटों में बदलाव जैसे उपाय जरूरी है। आयोग ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2018 से 2022 के बीच देश में गर्मी और लू के कारण 3,798 लोगों की जान जा चुकी है।
आयोग ने सभी राज्यों से मांगा रिपोर्ट
इसे देखते हुए आयोग ने एकीकृत रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। एनएचआरसी ने यह भी जानना चाहा है कि क्या राज्यों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए कोई मानक उपचार प्रक्रिया मौजूद है। आयोग ने इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है। बिहार की बात करें तो राज्य में पिछले दो वर्षों से कम बारिश के कारण गर्मी का असर और भी घातक रहा है। मौसम विभाग ने मई और जून में तापमान के और बढ़ने की चेतावनी दी है।
अब तक हजारों बच्चों की मौत
इसके अलावा, हर साल गर्मी के मौसम में बिहार, विशेषकर मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में बच्चों को एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) नामक जानलेवा बीमारी का सामना करना पड़ता है। अब तक हजारों बच्चों की जान यह बीमारी ले चुकी है। बावजूद इसके, कारणों और इलाज को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। ऐसे में आयोग की यह पहल बिहार जैसे संवेदनशील राज्य के लिए राहत लेकर आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सतर्कता और जागरूकता ही इस संकट से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका है।