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Bihar Vidhan Sabha: आंखों पर काली पट्टी बांध बिहार विधानसभा पहुंचे राजद विधायक, शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन के बाहर भारी बवाल

Bihar Vidhan Sabha: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन के बाहर भारी बवाल देखने को मिल रहा है। राजद विधायक आंखों पर काली पट्टी बांध कर सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।

Bihar Vidhan Sabha
RJD MLA Mukesh Roshan- फोटो : Reporter

Bihar Vidhan Sabha: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। आज सदन में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश होंगे। साथ हीं विधायकों के वेतन और भत्तों से संबंधित नियमावली में संशोधन पर चर्चा की जाएगी। वहीं सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही सदन में भारी बवाल देखने को मिल रहा है। सदन के बाहर विपक्ष के नेता आंखों पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे हैं। सदन में विपक्ष के नेता तख्ती लेकर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 

आंखों पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे राजद विधायक

राजद विधायक आंख पर काली पट्टी लगाकर सदन पहुंचे हैं। साथ ही उनके हाथों में तख्ती भी है जिसपर लिखा है कि 'मैं सुशासन बाबु हूं, मैं अंधा हो गया हूं, मुझे कुछ नहीं दिख रहा है"। दूसरे तख्ती पर लिखा गया है कि शराब नहीं किताब दो  मदिरालय नहीं पुस्तकालय दो। दोनों तख्ती पर सीएम नीतीश का कार्टून भी बनाया गया है। राजद विधायक का कहना है कि, बिहार में अफसरशाही का बोलबाला है। बिहार में लूट-खसोट जारी है।

सरकार को दिखा रहे आइना

राजद विधायक ने कहा कि बिहार में जिस तरह से घटनाएं घट रही है और सभी लोग कह रहे हैं कि सुशासन की सरकार है उनको मैं आइना दिखाना चाहता हूं कि यहां जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं है, बैग में शराब ले जाया जा रहा है, हर तरफ अपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही है। राजद विधायक मुकेश रौशन सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले बिहार विधानसभा के बाहर भारी बवाल काटा है।    


लिफ्ट विधायकों का भारी बवाल

एक ओर जहां राजद विधायक आखों पर काली पट्टी लगाकर पहुंचे हैं तो वहीं दूसरी ओर लिफ्ट के विधायक सामाजिक सुरक्षा पेंशन केरल के तर्द पर प्रति माह 3 हजार रुपए देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही जीविका आशा कर्मी और ममता को स्थायी कर 25000 वेतन देने की भी मांग कर रहे हैं। लिफ्ट विधायकों को कहना है कि बिहार सरकार जो पैसा दे रही है वो अपर्याप्त है। विधवा, विकलांग और वृद्धजनों को सरकार द्वार दिए गए 400 रुपए से कोई मदद नहीं मिल रहा है। इसलिए इस मंहगाई में बिहार सरकार को भी  केरल के तर्ज पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन 3 हजार प्रति माह देना चाहिए। साथ ही लिफ्ट विधायकों की मांग है कि जीविका आशा कर्मी और ममता कर्मियों को स्थायी की जाए और 25000 हजार पेंशन दें। लिफ्ट विधायकों ने कहा कि सरकार केवल अडानी-अंबानी के बारे में सोचती है, सरकार बहरी हो गई है।

पटना से रंजन और अभिजीत की रिपोर्ट

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