Bihar MLC Byelection : 23 जनवरी को होने वाले बिहार विधान परिषद की एक सीट के उपचुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने शेखपुरा के रहने वाले ललन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और मिमिक्री करने आरोप लगा था. उनकी mlc की सदस्यता रद्द कर दी गई. अब 23 जनवरी को इस सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग है.
ललन प्रसाद को प्रत्याशी बनाए जाने पर शेखपुरा में एनडीए कार्यकर्ताओं में हर्ष का माहौल है. शेखपुरा जिला के घाट कुसुंभा से जिला परिषद के सदस्य और समता पार्टी के समय से ही नीतीश कुमार की पार्टी के कार्यकर्ता रहे ललन महतो को पार्टी द्वारा विधान परिषद सदस्य के लिए प्रत्याशी बनाया गया है.
जदयू नेता अंजनी कुमार ने बताया कि ललन प्रसाद को पार्टी के द्वारा विधान परिषद सदस्य के लिए प्रत्याशी बनाए जाने से आम कार्यकर्ताओं में काफी खुशी है. इसी तरह से आम कार्य कर्ताओं को जदयू के द्वारा हमेशा से स्थान दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी के लिए जाने जाते हैं. ललन महतो को प्रत्याशी बनाए जाने पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार ने भी खुशी जाहिर की और इसे कार्यकर्ताओं को सम्मान देने वाला काम बताया है.
कौन हैं ललन प्रसाद
ललन प्रसाद धानुक जाति से आते हैं. इस जाति को बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग में रखा गया है. ललन प्रसाद को सीएम नीतीश के करीबी नेता के रूप में जाना जाता है. 52 साल के ललन प्रसाद शेखपुरा जिले के 2001 से 2005 तक घाट कुसुंबा प्रखंड के जेडीयू अध्यक्ष रहे. वहीं वर्ष 2009 से 2013 तक शेखपुरा में जेडीयू के जिला उपाध्यक्ष भी रहे. शेखपुरा में जदयू को मजबूत करने के लिए वे जदयू के शुरुआती दौर से ही सक्रिय रहे हैं. खासकर नीतीश कुमार के नजदीकी के तौर पर इलाके में उनकी पहचान रही है.
NDA की जीत तय
विधानसभा कोटे की सीट होने के कारण संख्याबल के गणित से राजग के खाते में यह सीट जाना तय है. राजग के पास निर्दलीय लेकर 131 विधायक (मत) हैं. वहीं, आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के पास 111 विधायक हैं. एआइएमआइएम (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) का एक विधायक है.