Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में अभी कुछ महीने बचे हैं। सभी पार्टी अपने अपने स्तर से चुनाव की तैयारी में जुट गई है। वहीं दूसरी ओर नेताओं का भी एक पार्टी से दूसरे पार्टी में जाने का दौर शुरु हो गया है। बीते दिन राजद विधायक की जदयू में शामिल होने की खबर सामने आई थी। वहीं ताजा मिली जानकारी अनुसार अब जदयू के बड़े नेता राजद में शामिल होने वाले हैं। जानकारी अनुसार धानुक समाज के मंगनी लाल मंडल राजद में शामिल होने वाले हैं। इसके पहले कुर्मी समाज के सतीश कुमार सिंह राजद में शामिल हुए थे।
धानुक बिरादरी के प्रमुख नेता हैं मंडल
धानुक समाज के मंगनी लाल मंडल के राजद में आने से सीएम नीतीश को बड़ा झटका लगा है। धानुक बिरादरी के प्रमुख नेता मंगनी लाल मंडल ने जदयू छोड़कर राजद में शामिल होने का निर्णय लिया है। इससे जदयू को विधानसभा चुनाव में भारी नुकसान हो सकता है। मंगनी लाल मंडल, जो सांसद और विधान पार्षद रह चुके हैं, मिथिलांचल के अतिपिछड़ा वर्ग के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं।
टिकट ना मिलने से नाराज थे मंडल
मंडल जदयू से झंझारपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने वर्तमान सांसद रामप्रीत मंडल को ही उम्मीदवार बनाया, जो चुनाव जीत गए। इस फैसले के बाद से मंगनी लाल मंडल जदयू नेतृत्व से नाराज थे और अब उन्होंने राजद में जाने का फैसला किया है। मंगनी लाल मंडल 2009 में झंझारपुर से जदयू के सांसद रह चुके हैं।
सीएम नीतीश को लगा झटका
राजद में इससे पहले कुर्मी समाज के सतीश कुमार सिंह का आना पार्टी की जदयू के लव-कुश समीकरण को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा था। राजद का फोकस जदयू के सामाजिक समीकरण, खासकर कुर्मी और कुशवाहा (लव-कुश) वोट बैंक में सेंध लगाने पर है। इस रणनीति का उद्देश्य विधानसभा चुनावों में कुशवाहा वोटों का विभाजन करना है, ताकि महागठबंधन को इसका फायदा मिल सके।
जदयू को कमजोर करना राजद का लक्ष्य
शाहाबाद और मगध क्षेत्र में कुशवाहा वोटों के बंटवारे का असर लोकसभा चुनाव में एनडीए पर पड़ा था। अब राजद "माई" (मुस्लिम-यादव) समीकरण को मजबूत रखते हुए जदयू के सामाजिक आधार पर चोट कर सत्ता में वापसी की योजना बना रहा है। राजद का लक्ष्य जदयू को कमजोर करना और उसके प्रभावशाली नेताओं को अपनी ओर आकर्षित करना है।