Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राजद के चार विधायकों की सदस्यता रद्द करने को लेकर राजद ने ही विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को पत्र लिखा है. राजद की ओर से बुधवार को इसे लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया.
मोकामा विधायक नीलम देवी, सहित सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद यादव, शिवहर विधायक चेतन आनंद और मोहनिया विधायक संगीता कुमारी की सदस्यता दल बदल कानून का उल्लंघन करने के कारण रद्द करने के लिए अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है. राजद के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने इसे लेकर एक ज्ञापन जारी किया.
क्यों जाएगी सदस्यता
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष अचानक से राजद-कांग्रेस से नाता तोड़कर एनडीए से हाथ मिला लिया था. विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान मोकामा विधायक नीलम देवी, सहित सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद यादव, शिवहर विधायक चेतन आनंद और मोहनिया विधायक संगीता कुमारी ने दल बदल कानून का उल्लंघन करते हुए नीतीश कुमार को समर्थन किया था. वे सत्ता पक्ष की ओर बैठने भी लगे थे.
अब राजद की ओर से चारों विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है. मोकामा विधायक नीलम देवी ने वर्ष 2022 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी जबकि सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद यादव, शिवहर विधायक चेतन आनंद और मोहनिया विधायक संगीता कुमारी ने वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी.
राजद ने जताई नाराजगी
ज्ञापन में मांग की गई है कि महागठबंधन के जो भी विधायक दल बदल कानून का उल्लंघन किए हैं और दूसरे दल में जाकर दूसरे दल की सदस्यता ले रहे हैं या लिए हैं, उनकी सदस्यता समाप्त की जाए. राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी, भाई वीरेंद्र, मुख्य सचेतक अब्दुल इस्लाम शाहीन, कांग्रेस की प्रतिमा दास, माले के अजय सिंह ने अध्यक्ष को इसे लेकर ज्ञापन सौंपा.
नोटिस का जवाब नहीं
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि अध्यक्ष ने कहा है कि हमने चारों विधायकों को नोटिस भेजा है लेकिन अब तक उन लोगों की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. सिद्दीकी ने कहा कि चारों विधायकों के दल बदल कानून का उल्लंघन करने को करीब एक साल हो गया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यहअध्यक्ष के अनुशासन पर ही सवाल खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा के अगले सत्र से पहले कार्रवाई नहीं हुई तो हम लोग सदन चलने के दौरान भी इस मुद्दे को उठाएंगे.
रंजन सिंह की रिपोर्ट