Bihar Politics: नीतीश कुमार को भले ही पाला-बदलू या अविश्वसनीय कहा जाए, लेकिन यह निर्विवाद है कि बिहार में उनका कोई विकल्प नहीं है। भाजपा और राजद दोनों ही उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने के लिए मजबूर होते हैं। बिहार में मुख्यमंत्री पद अब नीतीश कुमार के नाम से ही जाना जाता है। पिछले दो दशकों से वे किसी न किसी तरीके से इस पद पर बने हुए हैं, जबकि वे कभी भी अकेले बहुमत नहीं प्राप्त कर सके। कभी भाजपा तो कभी राजद उनके समर्थन में खड़ा होता है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाता है। आज तक किसी भी दल ने यह दावा नहीं किया कि मुख्यमंत्री उनके दल का होगा। यह नीतीश के आकर्षक व्यक्तित्व का प्रभाव है या बिहार में उनकी लोकप्रियता का, यह एक रहस्य बना हुआ है। बिहार के लोग उन्हें कभी आलोचना करते हैं और कभी उन्हें सिर-आंखों पर रखते हैं।
नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने की संभावनाओं के बीच, लालू प्रसाद का यह बयान कि 'उनके दरवाजे नीतीश के लिए हमेशा खुले हैं', ने राज्य में नई गतिविधियों को जन्म दिया था। हालांकि, अब नीतीश कुमार ने अपने एक वक्तव्य में स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकताएँ किस दिशा में होंगी।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यह स्पष्ट किया कि उन्होंने अतीत में दो बार राजद के साथ गठबंधन करने की गलती की थी और अब वे भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ बने रहेंगे। यह बयान उस समय आया है जब बिहार चुनावों से पहले उनकी पार्टी जदयू और महागठबंधन के बीच संभावित गठबंधन को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं, विशेषकर लालू प्रसाद के "नीतीश के लिए दरवाजे खुले हैं" वाले बयान के संदर्भ में। नीतीश कुमार ने कहा, "बिहार के लोगों ने हमें 24 नवंबर 2005 से कार्य करने का अवसर दिया। तब से हम राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। 2005 से पहले बिहार की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। लोग शाम के बाद अपने घरों से बाहर निकलने में भयभीत होते थे, अस्पतालों में चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं थी, और सड़कों की स्थिति भी बहुत खराब थी।" मुख्यमंत्री नीतीश ने आगे कहा, "जब बिहार के लोगों ने हमें कार्य करने का अवसर दिया, तो..."
सीएम नीतीश ने कहा, "जब बिहार के नागरिकों ने हमें कार्य करने का अवसर प्रदान किया, तब राज्य की स्थिति में परिवर्तन आया। हमने दो बार गलती से गलत दिशा का चयन किया। लेकिन अब हम हमेशा एकजुट रहेंगे और बिहार के साथ-साथ देश के विकास में योगदान देंगे।
नीतीश के जवाब से राजद में बेचैनी है। लालू यादव ने जो शगूफा छोड़ा था उसकी हवा नीतीश ने निकाल दी है।