Bihar News : बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी लालू स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के छात्र रहे हैं. अब बीजेपी में 4-5 साल से जाकर वहां भाजपा के नेताओं को हांक रहे हैं. सम्राट चौधरी पर रविवार को यह तंज राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के सबसे करीबी संजय यादव ने किया.
तेजस्वी यादव को राजद में लालू के समकक्ष अधिकार मिलने पर सम्राट चौधरी ने तल्ख टिप्पणी की थी. संजय यादव ने इसी पर पलटवार करते हुए उन्हें सुझाव दिया कि वे अपनी तुलना तेजस्वी यादव से क्यों करते हैं? सम्राट चौधरी कहां से गए हैं? वे तो लालू स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के छात्र रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी यात्राओं में सम्राट को इसलिए साथ लेकर जा रहे हैं क्योंकि वे लालू स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के छात्र हैं. लालू के यहाँ से भाजपा में गए हैं. उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी कहते हैं कि लालू परिवार के सारे लोग चुनाव लड़ते हैं तो सम्राट का परिवार क्या करता था. उनके पिता शकुनी चौधरी राजनेता रहे. उनकी माँ ने चुनाव लड़ा. सम्राट के भाई भी सियासत में सक्रिय हैं. अब सम्राट दूसरे दल के नेताओं पर टिप्पणी करते हैं. इसलिए उन्हें तेजस्वी पर नहीं बोलना चाहिए.
सम्राट को राजद में मिली सफलता
उन्होंने सम्राट के सियासी वजूद को बेहद हल्का बताते हुए कहा कि आज तक दो बार ही सम्राट चौधरी ने विधानसभा का चुनाव जीता. दोनों बार वे राजद के टिकट से जीते. ऐसे व्यक्ति अब कुछ साल पहले भाजपा में गए हैं और वहां पुराने नेताओं को हांक रहे है. सीएम नीतीश भी राजद से गए सम्राट को अपने साथ लेकर जाते हैं जबकि पुराने भाजपा नेता उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा दूर हैं.
लालू का नाम लिए बिना नहीं चलेगा काम
संजय यादव ने कहा कि बिहार के नेताओं का बिना लालू यादव का नाम लिए काम नहीं चलेगा. बिहार में किसी भी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हो वह लाल यादव के स्कूल से ही निकल कर गए हैं. कांग्रेस के अखिलेश सिंह को देख लीजिए वह भी राजद से कांग्रेस में गए. सम्राट चौधरी भी राजद से भाजपा में गए. ऐसे में लालू का बिना नाम लिए किसी का काम चलने वाला नहीं है. गौरतलब है कि सम्राट पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे.
रंजन की रिपोर्ट