Bihar Politics: भाजपा के लिए नीतीश जरुरी हीं नहीं मजबूरी भी हैं। बिहार की राजनीति के मिजाज को देखते हुए कहा जा सकता है कि करीब दो दशक से नीतीश कुमार ऐसी ताकत रहे हैं, जिनके इर्द-गिर्द सत्ता घूमती है। चाहे राजद के समर्थन से बने या भाजपा के साथ, सीएम नीतीश कुमार ही हैं।
1.राजनीतिक स्थिरता की आवश्यकता
बिहार में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतीश कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव ने राज्य में कई बार संकटों से उबरने में मदद की है। भाजपा जानती है कि नीतीश के बिना सरकार को स्थिरता मिलना मुश्किल होगा।
2. बिहार में चेहरा विहिन भाजपा
बिहार में भाजपा की प्रमुख कमजोरी यह है कि पार्टी के पास ऐसा कोई नेता नहीं है, जो नीतीश कुमार के स्तर पर हो और राज्य में व्यापक लोकप्रियता रखता हो। भाजपा ने कई बार नए चेहरों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, लेकिन वह जोखिम लेने से बचती है। वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी के अनुसार, भाजपा का संगठन इतना सशक्त नहीं है कि वह अकेले विधानसभा चुनाव में भाग लेने का विचार कर सके। इस परिप्रेक्ष्य में, नीतीश कुमार भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी बन जाते हैं।भाजपा और जदयू का गठबंधन चुनावी दृष्टिकोण से फायदेमंद रहा है। दोनों पार्टियों का साथ मिलकर चुनाव लड़ना उन्हें अधिक सीटें दिलाने में मदद करता है। अगर भाजपा अकेले चुनाव लड़ेगी, तो उसे जदयू के वोट बैंक को खोने का खतरा होगा।
3. सामाजिक समीकरणों का ध्यान
बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण बहुत महत्वपूर्ण हैं। नीतीश कुमार ओबीसी और अन्य समुदायों के बीच एक मजबूत आधार रखते हैं। भाजपा यदि नीतीश को छोड़ देती है, तो उसे इन समुदायों का समर्थन खोने का डर रहेगा।
4. केंद्र सरकार से संबंध
नीतीश कुमार की केंद्र सरकार के साथ अच्छे संबंध हैं, जो बिहार के विकास कार्यों में सहायक होते हैं। भाजपा इस बात को समझती है कि नीतीश के बिना ये संबंध कमजोर हो सकते हैं, जिससे राज्य को केंद्रीय सहायता प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।2019 में भाजपा की स्थिति अब पहले जैसी नहीं रही है। 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए, मोदी सरकार को चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जैसे नेताओं का सहयोग आवश्यक है। वर्तमान में भाजपा के लिए नीतीश कुमार की सभी मांगों को मानना आवश्यक है, क्योंकि जेडीयू के पास 12 लोकसभा सांसद हैं, जो केंद्र सरकार के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
बहरहाल बिहार में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतीश कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण है। भाजपा जानती है कि नीतीश के बिना सरकार को स्थिरता मिलना मुश्किल होगा। इन चार कारणों से स्पष्ट होता है कि भाजपा क्यों नीतीश कुमार को अपने साथ बनाए रखना चाहती है।