Pappu Yadav: पूर्णिया सांसद पप्पू यादव के बयान से बिहार की राजनीति में मच सकती है हलचल! कहा-'आज के नेता जनता से ज्यादा अपनी सत्ता...'

Pappu Yadav: निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार में बढ़ते अपराधों और प्रशासन की नाकामी को लेकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।

Pappu Yadav
पप्पू यादव ने दिया बड़ा बयान- फोटो : SOCIAL MEDIA

Pappu Yadav: बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर से बिहार की कानून व्यवस्था को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने बेगूसराय में हम पार्टी के नेता की बर्बर हत्या, मुजफ्फरपुर में रेपकांड, और बक्सर के ट्रिपल मर्डर जैसे जघन्य अपराधों का हवाला देते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उनका कहना है कि बिहार अब “महारावण राज” में तब्दील हो चुका है, जहां माफिया राज खुलेआम फल-फूल रहा है और सरकार मौन तमाशबीन बनी बैठी है।

उनका आरोप है कि भू-माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया का नेटवर्क पूरे राज्य को जकड़ चुका है और सरकार इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। यह न केवल शासन की विफलता दर्शाता है, बल्कि जनता के मन में डर और असुरक्षा की भावना को भी गहराता है।

 सरसी थाने में ललित की मौत

सरसी थाना के डेटा ऑपरेटर ललित की संदिग्ध मौत ने पप्पू यादव को खासा आक्रोशित कर दिया। उनका दावा है कि ललित को थाने में लगातार टॉर्चर किया जा रहा था, जिससे उसकी मौत हुई। उन्होंने 72 घंटे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने और दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।यह मामला यह दर्शाता है कि पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा जिनपर है, वे खुद सवालों के घेरे में हों, तो आम जनता किसपर भरोसा करे?

 पप्पू यादव का करारा हमला

पप्पू यादव ने कहा कि राजनीति जातिवाद के दलदल में बुरी तरह फंसी हुई है। “आज के नेता सत्ता की भूख में इंसानियत भूल चुके हैं। नेता नाग से भी ज्यादा जहरीले हो गए हैं।” ये शब्द किसी फिल्मी संवाद की तरह नहीं, बल्कि एक जनप्रतिनिधि की पीड़ा का प्रतिबिंब हैं।

उन्होंने चिंता जताई कि अब रेप जैसे मामलों में भी जाति पूछी जा रही है, जिससे समाज में नफरत और विघटन की भावना और गहराती जा रही है। अपराध को जातीय चश्मे से देखना न केवल अन्याय है, बल्कि अपराधियों को अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण देना भी है।

पुलिस बनाम अपराधी: अंतर मिट चुका है?

पप्पू यादव का दावा है कि पुलिस और गुंडों में अब कोई अंतर नहीं रह गया है। अपराधी बेलगाम हैं, और पुलिस की प्राथमिकता अपराध नियंत्रण से अधिक हेलमेट और कागज चेक करने तक सीमित हो गई है।उन्होंने पूर्णिया और बड़हरा कोठी की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाला अपराधी कुछ ही दिनों में बरी हो गया, जिससे अपराधियों का हौसला बढ़ रहा है। यह स्थिति न केवल कानून व्यवस्था की विफलता है, बल्कि न्याय प्रणाली की साख पर भी सवाल खड़े करती है।

बेगूसराय की मानवता को झकझोरने वाली घटना

बेगूसराय में हम पार्टी के एक नेता की टुकड़े-टुकड़े कर हत्या और शरीर को सिगरेट से जलाना—यह दृश्य किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं है। यह दर्शाता है कि अपराधी अब न तो कानून से डरते हैं, न इंसानियत से। इस वीभत्सता के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता गंभीर चिंता का विषय है।