Purnia Crime: महिला को डायन बताकर गांव वालों ने पीटा, डर के मारे पीड़िता ने खुद को कमरे में किया बंद, उठाया बड़ा कदम

Purnia Crime: पूर्णिया जिले के कजरा गांव में डायन के आरोप में महिला पर हमला हुआ। जानिए कैसे अंधविश्वास के कारण निर्दोष लोगों की जान खतरे में पड़ रही है।

Purnia Crime
डायन बताकर महिला की पिटाई!- फोटो : social media

Purnia Crime: पूर्णिया जिला के ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका ताजा उदाहरण मीरगंज थाना अंतर्गत रंगपूरा दक्षिण पंचायत के कजरा गांव में सामने आया है।

यहां मीरा देवी नामक महिला पर डायन होने का आरोप लगाकर गांव के ही कुछ दबंगों ने ईंट और पत्थरों से हमला कर दिया।पीड़िता मीरा देवी ने बताया कि 10 जुलाई को दोपहर लगभग 12 बजे, प्रमोद साह अपने पांच साथियों के साथ उनके घर पहुंचे और डायन कहकर गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद जानलेवा हमला कर दिया गया।घबराकर उन्होंने खुद को घर में बंद कर लिया और मीरगंज थाना को सूचना दी।

मीरगंज थाना की कार्रवाई 

मीरगंज थानाध्यक्ष रोशन कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि प्रमोद साह सहित कुल छह व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।पुलिस इस मामले में जांच-पड़ताल कर रही है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि पूर्णिया जिले के ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास की पकड़ अब भी मजबूत है।प्रशासन के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह लगातार जागरूकता अभियान चलाए ताकि इस तरह की अमानवीय घटनाओं को रोका जा सके।

अंधविश्वास और डायन प्रथा

डायन प्रथा केवल बिहार के पूर्णिया ही नहीं बल्कि झारखंड, असम, ओडिशा आदि राज्यों में भी बड़ी सामाजिक समस्या बनी हुई है।यह केवल महिलाओं के खिलाफ हिंसा नहीं, बल्कि एक गंभीर मानवाधिकार हनन है।भारत सरकार ने इस पर रोक के लिए कड़े कानून बनाए हैं बिहार में 1999 में डायन प्रथा विरोधी कानून लागू है। इसके आधार पर IPC की धारा 302, 307 और 120B के तहत मामला दर्ज हो सकता है फिर भी ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी के कारण यह प्रथा जारी है।