Bihar News : पूर्णिया में मछली बाज़ार की जमीन पर दबंगों ने किया कब्ज़ा, विभाग में फंसे 23 लाख रूपये, मछुआरों ने किया विरोध प्रदर्शन

Purnea : पूर्णिया में दबंग सरकारी जमीन को भी कब्जाने से नहीं हिचक रहे। दबंगों ने मत्स्य विभाग को आवंटित 11 डिसमिल जमीन पर कब्जा कर रखा है। मामला डगरूआ प्रखंड के मछली पट्टी से जुड़ा है। सरकार ने मछली बाजार के निर्माण के लिए 23 लाख रुपए हैंडओवर भी कर रखा है। मगर जमीन पर दबंगों का का कब्जा होने से ये राशि खाते में पड़ी है। वहीं मछ्ली पट्टी की जमीन पर दबंगों का कब्जा होने के कारण मछुआरों को बाजार नहीं मिल रहा, इससे डगरूआ के 18 पंचायत के 3200 से अधिक मछुआरे रोजी रोटी के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। मछुआरे इसके लिए सरकारी अधिकारियों को दोषी ठहरा रहे हैं। मत्स्य विभाग को आवंटित जमीन पर दबंगों के कब्जे और इस मामले में सरकारी अधिकारियों के लचर कार्रवाई से नाराज मछुआरों ने विरोध मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने प्रखंड अंचल कार्यालय पहुंचकर मुख्य द्वार का घेराव किया। जमीन से कब्जा हटाने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की।
जानकारी देते हुए डगरूआ प्रखंड के मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मत्स्य मंत्री रतन कुमार महलदार ने बताया कि बिहार सरकार ने डगरूआ प्रखंड में मछली पट्टी के निर्माण के लिए 11 डेसिमल जमीन खुला बाजार बनाने के लिए मत्स्य विभाग को आवंटित कर रखा है। मछली बाजार के निर्माण के लिए 23 लाख रुपए विभाग को हैंडओवर भी किए जा चुके हैं। मगर इस जमीन पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर रखा है।।इस वजह से निर्माण में देरी हो रही है। इसे ही लेकर आज विरोध मार्च और प्रखंड कार्यालय का घेराव किया गया है। इस जगह को खाली कर मछली बाजार बनाया जाए, ताकि 18 पंचायत के हजारों मछुआरे अपना जीवन यापन कर सके। मछुआरों का धंधा पानी, रोटी रोजगार सब कुछ मछली से ही चलता है इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने मछली मार्केट के निर्माण के लिए 23 लाख रुपये मत्स्य विभाग के खाते में भेज रखे हैं। इससे मत्स्य बाजार बनेगा और इसमें मछली बेचा जाएगा।
कब्जा हटाने के लिए वे बड़े पदाधिकारी से मिले, वहां उन्हें बताया गया कि जल्द से जल्द जमीन से कब्जा हटवाया जाए ताकि मछली बाजार के लिए आई राशि बाजार निर्माण के लिए लगाई जा सके। अधिक विलंब होने पर पैसे लौट जाएंगे। डगरूआ प्रखंड में मछुआरों की आबादी 3200 के करीब है। इसमें 11 डिसमिल जमीन मछली बाजार के लिए पास हुआ है। 2022 से पहले भी इस पर दबंगों का कब्जा था। जिसे तत्कालीन एसडीओ की मदद से अतिक्रमण मुक्त कराया गया था। इसके बाद सरकारी अमीन ने मापी की और निर्माण कार्य की आधारशिला रख दी गई। मगर रातों रात जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया। नए आदेश के तहत 27 मई इस अतिक्रमणकारियों के कब्जे से खाली कर लिया जाना था। इसके बाद जब वे कब्जा हटवाने के लिए संबंधित अधिकारी से मिले, तो उन्हें बताया गया कि अतिक्रमणकारी हाई कोर्ट चले गए हैं। अब आदेश आने के बाद ही अतिक्रमण हटाया जा सकेगा। इस पर जब उन्होंने स्टे आर्डर मांगा, मगर उन्हें तरह तरह की दलीलें दी गई।
वहीं मामले की जानकारी देते हुए डगरूआ के अंचलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने कहा कि बिहार सरकार की जमीन है। इसमें 11 डिसमिल जमीन पर मछुआरों के लिए मछली बाजार बनाया जाना है। मगर इस पर पहले से कब्जा था, इसके बाद उनके द्वारा यह कब्जा हटाया गया। इसके बाद अतिक्रमकारी हाई कोर्ट चले गए, उनके हाई कोर्ट जाने से अतिक्रमण हटाने का काम रुक गया। जवाब बनाकर बड़े अधिकारियों को दिया गया है। इसके बाद वरीय अधिकारियों से मिले निर्देश और उनके हस्ताक्षर के बाद पटना हाई कोर्ट में जवाब को दाखिल किया जाएगा। यह पूर्ण रूप से बिहार सरकार की जमीन है। जिसे मत्स्य विभाग को ट्रांसफर किया गया है। जहां तक रही राशि के लौटने की बात तो ऐसा हरगिज़ नहीं हो सकता, क्योंकि ये राशि मत्स्य विभाग को हैंड ओवर कर दी गई है। जैसे ही इस जमीन पर आगे हाई कोर्ट का डिसीजन आएगा। इसके बाद डिसीजन के मुताबिक अतिक्रमणकारियों को हटाया जाएगा और मछली बाजार बनाया जाएगा।
पूर्णिया से अंकित की रिपोर्ट