Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सहरसा की चारों सीटों पर चुनावी संग्राम, 45 प्रत्याशी मैदान में, हर सीट पर होगा महामुकाबला

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सहरसा की चारों सीटों पर चुनाव
सहरसा में 45 प्रत्याशी - फोटो : SOCIAL MEDIA

SAHARSA : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सहरसा जिला एक बार फिर सियासी अखाड़ा बन गया है। जिले की चार विधानसभा सीटों पर इस बार 45 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिला प्रशासन ने सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए हैं। अब हर सीट पर एनडीए बनाम महागठबंधन का मुकाबला देखने लायक होगा। सहरसा विधानसभा क्षेत्र  10 प्रत्याशी मैदान में इस सीट पर महामुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच तय माना जा रहा है। एनडीए समर्थित बीजेपी प्रत्याशी डॉ. आलोक रंजन विरुद्ध महागठबंधन समर्थित IIP पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आई.पी. गुप्ता ..दोनों नेताओं के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई मानी जा रही है, जहाँ विकास बनाम जनसंपर्क का मुद्दा चुनावी हवा में गूंज रहा है।

महिषी विधानसभा क्षेत्र – 14 प्रत्याशी मैदान में

यहाँ मुकाबला राजद बनाम जदयू के बीच सीधा और बेहद कड़ा है। महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी डॉ. गौतम कृष्ण विरुद्ध  एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी गूंजेश्वर शाह.दोनों प्रत्याशी अपने-अपने गढ़ में मजबूती से डटे हुए हैं। स्थानीय मुद्दे और जातीय समीकरण यहाँ की निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं।

 सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र – 15 प्रत्याशी मैदान में

यह सीट हमेशा से सहरसा की सियासी नब्ज़ मानी जाती है। महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी यूसुफ सल्लाहद्दीन विरुद्ध एनडीए समर्थित एलजेपी (रामविलास) प्रत्याशी संजय सिंह

यहाँ मुकाबला बेहद रोचक और त्रिकोणीय होने की संभावना है। दोनों पक्षों ने स्टार प्रचारकों को उतारने की तैयारी शुरू कर दी है।

सोनवर्षा विधानसभा क्षेत्र – 06 प्रत्याशी मैदान में

यहाँ मुकाबला जदयू बनाम कांग्रेस के बीच तय माना जा रहा है। एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी रत्नेश सादा के विरुद्ध  महागठबंधन समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी सारिता पासवान दलित और महिला मतदाताओं की भूमिका इस सीट पर परिणाम तय कर सकती है। सहरसा की चारों सीटों पर अब चुनावी रण पूरी तरह सज चुका है। हर पार्टी अपने प्रचार अभियानों में जुटी है। 6 नवंबर को वोटिंग के साथ तय होगा कि इस बार सहरसा की जनता किसके सिर जीत का सेहरा बाँधती है  एनडीए या महागठबंधन।

सहरसा से दिवाकर की रिपोर्ट