Bihar Transport News: बिहार परिवहन विभाग में करोडो का गबन,शातिर डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने किया बड़ा खेल,जानकर उड़ जायेंगे आपके होश,मुक़दमा दर्ज
बिहार परिवहन विभाग के चार कर्मियों ने मिलकर मोटर व्हीकल टैक्स का 2 करोड़ 75 लाख रुपए तथा ई चालान का 55 लाख रुपए सरकारी खाता में न जमा कर खुद डकार लिया हिया.आरोपी सभी पर डीटीओ द्वारा FIR दर्ज कराया है.

N4N डेस्क: बिहार के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का घुन किस कदर लग चूका है इसका खुलासा हम लगातार कर रहे है. इसी क्रम अब विभाग के शातिर डाटा एंट्री ऑपरेटरों के द्वारा करोडो रूपये डकार लिए जाने का एक सनसनीखेज मामले खुलासा हुआ है. मामला रोहतास जिले के सासाराम जिला परिवहन कार्यालय से जुड़ा है जहाँ शातिर डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने बड़ा खेल कर दिया है. दरअसल सासाराम जिला परिवहन पदाधिकारी ने इस घोटाले की पुष्टि करते हुए अपने ही विभाग के चार कर्मियों के खिलाफ 2 करोड़ 30 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला दर्ज कराया है. जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2021 से 2025 के बीच की गई ऑडिट जांच में यह बड़ा घोटाला उजागर हुआ है.
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग के कर्मियों ने मोटर व्हीकल टैक्स और ई-चालान के नाम पर वसूली गई राशि को सरकारी खाते में जमा नहीं कराया. डीटीओ रामबाबू ने बताया कि विभाग के कर्मचारी अजय कुमार सिंह और अक्षय कुमार ने लगभग 1.75 करोड़ रुपये मोटर वाहन कर के रूप में वसूला, लेकिन वह राशि सरकारी खाते में जमा नहीं की गई. वहीं, कार्यालय के प्रोग्रामर अनिल कुमार और डाटा एंट्री ऑपरेटर अनिल कुमार ने 55 लाख रुपये के ई-चालान की राशि गबन कर ली.
फिलहाल चारों आरोपित कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और सरकारी धन के दुरुपयोग के तहत केस दर्ज किया गया है. विभागीय स्तर पर भी इन पर सस्पेंशन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. पुलिस इस मामले में बैंक रिकॉर्ड, ट्रांजैक्शन डिटेल और कार्यालय से जुड़े अन्य दस्तावेज खंगाल रही है. वही मामला दर्ज मामले के बाद नगर थाना की पुलिस परिवहन कार्यालय पहुंची और दस्तावेजों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी. घटना की गंभीरता को देखते हुए सासाराम एसडीपीओ दिलीप कुमार खुद मौके पर पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी.
अब देखना है कि बिहार परिवहन विभाग में करोडो के इस गबन के खेल में शामिल इन शातिरों के खिलाफ पुलिस का एक्शन क्या होता है. वही परिवहन विभाग अब इनके खिलाफ सस्पेंशन और अनुशासनात्मक कार्रवाई कब करता है.
रिपोर्टर - धीरज पराशर