Bihar Politics: बिहार भाजपा को लगा बड़ा झटका, पार्टी के दो कद्दावर नेताओं ने छोड़ा साथ, एक तेजस्वी तो दूसरे ने पीके से मिलाया हाथ
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी के दो कद्दावर नेताओं ने तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर का दामन थाम लिया है। पढ़िए आगे...

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक और जहां सभी पार्टी तैयारी में जुटी है तो वहीं दूसरी ओर टिकट ना मिलने से या पार्टी से नाराजगी को लेकर नेताओं के दल-बदलने का भी दौर शुरु हो गया है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रही है वैसे वैसे नेताओं का दूसरी पार्टी का हाथ थामना भी बढ़ता जा रहा है। इसी बीच भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दो बड़े नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है और विपक्षियों में शामिल हो गए हैं। दोनों नेता शिवहर से हैं और वैश्य समाज के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वहीं इस उलटफेर के बाद शिवहर में पार्टी में भीतरघात और असंतोष की तस्वीर उभरकर सामने आ रही है।
दो कद्दावर नेताओं ने छोड़ा साथ
दरअसल, शुक्रवार को राजधानी पटना में आयोजित एक समारोह में शिवहर के वरिष्ठ वैश्य नेता राधाकांत गुप्ता उर्फ बच्चू जी ने भाजपा से इस्तीफा देकर राजद का दामन थाम लिया। इसी के साथ शिवहर में वैश्य समाज के एक और प्रमुख नेता एवं भाजपा अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. रामाधार साह ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया और अपने 300 समर्थकों के साथ प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हो गए।
पार्टी से निष्कासन के बाद हुई थी वापसी
गौरतलब है कि राधाकांत गुप्ता और डॉ. रामाधार साह दोनों को पूर्व में भाजपा से निष्कासित किया गया था। हालांकि बाद में पार्टी में उनकी वापसी हुई, लेकिन अंदरूनी असंतोष और नेतृत्व से नाराजगी के कारण उन्होंने अब भाजपा से पूरी तरह किनारा कर लिया है। उन्होंने अब अपने समर्थकों के साथ जनसुराज का दामन थाम लिया है।
वैश्य समाज में भाजपा से बढ़ती नाराजगी
इन दोनों नेताओं के इस्तीफे से साफ है कि भाजपा में वैश्य समाज का मोहभंग तेज़ी से हो रहा है। सूत्रों की मानें तो कई और वैश्य नेता भी पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। जिससे विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा की रणनीति पर असर पड़ सकता है। इन राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच भाजपा ने शिवहर नगर एवं ग्रामीण मंडल की संयुक्त कार्यसमिति की बैठक आयोजित की। नगर अध्यक्ष बैद्यनाथ साह और ग्रामीण अध्यक्ष पवन कुमार साह की अध्यक्षता में हुई बैठक में संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और केंद्र सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने की रणनीति पर चर्चा की गई।
भाजपा को लगा बड़ा झटका
विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव की दहलीज पर भाजपा के भीतर वैश्य समाज से जुड़े नेताओं का इस तरह पार्टी छोड़ना एक बड़ा संकेत है। यह भाजपा की जातिगत समीकरणों वाली रणनीति को चुनौती दे सकता है। अब देखना यह है कि भाजपा इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या संगठनात्मक बैठकों के जरिए टूट को रोकने में कामयाब होती है या नहीं।