Bihar Teacher News: बिहार के 'गुरु जी' शिक्षा विभाग के साथ कर रहे थे खेला, अब हो गए सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला
Bihar Teacher News: बिहार के मास्टर साबह शिक्षा विभाग के साथ खेला कर रहे थे। बड़े ही चालाकी से विभाग को चूना लगा रहे थे वहीं अब खुलासे के बाद गुरु जी नप गए हैं...

Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षकों की उपस्थिति ई शिक्षा कोष पर ऑनलाइन माध्यम से बनाई जाती है। शिक्षक स्कूल पहुंच कर अपनी सेल्फी लेकर ई शिक्षा कोष पर अपलोड करते हैं। लेकिन शिक्षकों के द्वारा आए दिन फर्जी उपस्थिति लगाए जा रहे हैं। शिक्षकों के द्वारा शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंका जा रहा है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने फर्डी उपस्थिति मामले में एक शिक्षक को निलंबित कर दिया है।
शिक्षा विभाग के साथ खेला कर रहे थे मास्टर साहब
दरअसल, सीतामढ़ी जिले के पुपरी प्रखंड स्थित एलएम प्लस टू उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक ज्ञानतोष कुमार पर ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का गंभीर आरोप लगा है। मामले की पुष्टि के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रमोद कुमार साहु ने शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
शिक्षा विभाग ने किया सस्पेंड
जानकारी के अनुसार, शिक्षक ने मई माह की 20 तारीख समेत कई अन्य दिनों में पोर्टल पर अपनी ‘स्कूल इन’ और ‘स्कूल आउट’ की तस्वीरें अपलोड की थीं। हालांकि जांच में यह सामने आया कि उक्त तस्वीरें उस समय की नहीं थीं जब वे वास्तव में विद्यालय में उपस्थित थे। यानी उन्होंने जानबूझकर डिजिटल माध्यम से अपनी झूठी उपस्थिति दर्ज की।
शक के घेरे में सेल्फी तस्वीरें
इस अनियमितता का खुलासा तब हुआ जब खंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO)पुपरी द्वारा जांच कर रिपोर्ट जिला माध्यमिक शिक्षा पदाधिकारी (DPO) को सौंपी गई। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि शिक्षक द्वारा अपलोड की गई सेल्फी तस्वीरें संदेहास्पद हैं और उनसे यह प्रमाणित नहीं होता कि वे उस समय विद्यालय परिसर में मौजूद थे।
जांच में हुआ खुलासा
जांच के दौरान शिक्षक से उनका लिखित पक्ष और उपस्थिति रजिस्टर भी मांगा गया। दस्तावेजों और फोटो साक्ष्यों की तुलना करने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षक ने जानबूझकर नियमों की अनदेखी की है और विभागीय प्रक्रिया में गड़बड़ी की है। शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। शिक्षक को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू कर दी गई है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल प्रक्रिया को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।