Bihar News : सिवान में अवैध ईंट-भट्ठों पर चला प्रशासन का डंडा, SDO और CO की जांच में कई अनिमितताएं हुई उजागर

Bihar News : सिवान में अवैध ईंट-भट्ठों पर चला प्रशासन का डंड

Siwan : जिला अंतर्गत सीवान सदर प्रखंड के धनौती ग्राम में गुरुवार को अवैध रूप से संचालित ईंट-भट्ठों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) आशुतोष गुप्ता एवं अंचलाधिकारी (CO) रवि शेखर ने संयुक्त रूप से विभिन्न चिमनियों की सघन जांच की। इस औचक निरीक्षण के बाद ईंट-भट्ठा संचालकों में हड़कंप मच गया है, क्योंकि जांच के दौरान भारी अनियमितताएं और नियमों का उल्लंघन पाया गया।

जांच टीम ने पाया कि क्षेत्र में संचालित किसी भी ईंट-भट्ठा संचालक के पास वैध खनन प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं था। इसके साथ ही, पर्यावरण सुरक्षा को ताक पर रखते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनिवार्य 'प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र' भी नहीं लिया गया था। सबसे गंभीर मामला यह सामने आया कि बिना भू-सम्परिवर्तन (Land Use Conversion) कराए ही उपजाऊ कृषि भूमि पर ईंट-भट्ठों का व्यावसायिक संचालन किया जा रहा था, जो पूरी तरह से विधि विरुद्ध है।

एसडीओ आशुतोष गुप्ता ने मौके पर ही सभी संचालकों को कड़ी फटकार लगाते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि कृषि योग्य भूमि पर बिना अनुमति के व्यावसायिक कार्य करना गैरकानूनी है। उन्होंने संचालकों को आदेश दिया कि वे तत्काल अनुमंडल कार्यालय के माध्यम से भूमि का भू-सम्परिवर्तन कराएं। साथ ही, खनन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित सभी वैध दस्तावेज प्राप्त कर अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें।

प्रशासन ने सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि जब तक सभी वैधानिक प्रक्रियाएं पूरी नहीं कर ली जातीं और आवश्यक प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं हो जाते, तब तक ईंट-भट्ठों का संचालन किसी भी स्थिति में नहीं किया जा सकेगा। नियमों की अनदेखी करने वाले संचालकों को आगाह किया गया है कि यदि वे इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया कि जिले में अवैध खनन और पर्यावरण नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन अब पूरे जिले में इस तरह के अवैध संचालनों पर नजर बनाए हुए है, ताकि सरकारी नियमों का सख्ती से पालन कराया जा सके और पर्यावरण के साथ-साथ कृषि भूमि का संरक्षण हो सके।

सिवान से ताबिश इरशाद की रिपोर्ट