Bihar News: व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में आयुर्वेद की राह, दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में ‘व्यक्तित्व विकास वर्ग 2025’

Bihar News: मेडिकल कॉलेज के छात्रों के आंतरिक गुणों, व्यवहारिक क्षमताओं और मानवीय दृष्टिकोणों को जाग्रत करने के लिए व्यक्तित्व विकास वर्ग 2025 का आयोजन किया गया....

Dayanand Ayurvedic Medical College
व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में आयुर्वेद की राह- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar News: दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, सीवान में विश्व आयुर्वेद परिषद की बिहार इकाई के तत्वावधान में व्यक्तित्व विकास वर्ग 2025 का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक शैक्षणिक पहल नहीं, बल्कि छात्रों के आंतरिक गुणों, व्यवहारिक क्षमताओं और मानवीय दृष्टिकोणों को जाग्रत करने की एक सशक्त साधना रही। इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे विद्वानों, शिक्षकों और विशेषज्ञों ने मेडिकल छात्रों को जीवन की जटिलताओं से जूझने हेतु आत्मबल, व्यवहारिक बुद्धि और संवेदनशीलता जैसे पहलुओं से अवगत कराया।

कॉलेज के शासी निकाय के सचिव डॉ. रामानंद पाण्डेय ने कहा कि व्यक्ति का सच्चा विकास केवल डिग्री या ज्ञान तक सीमित नहीं रहता, बल्कि वह उसके दृष्टिकोण, संवाद शैली, भावनात्मक संतुलन और नेतृत्व में झलकता है। उन्होंने सिगमंड फ्रायड के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत का उल्लेख करते हुए बताया कि व्यक्ति का व्यक्तित्व विभिन्न मनोलैंगिक चरणों से आकार पाता है। वहीं अल्बर्ट बंडुरा के सामाजिक अधिगम सिद्धांत को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि अवलोकन, अनुकरण और व्यवहार के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से ही व्यक्तित्व में गहराई आती है।

डॉ रामानंद पाण्डेय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में डॉक्टर केवल इलाज नहीं करता, बल्कि वह समाज का एक संवेदनशील मार्गदर्शक होता है  और इसके लिए व्यक्तित्व का परिष्कार अनिवार्य है।

वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. प्रजापति त्रिपाठी और प्राचार्य डॉ. सुधांशु त्रिपाठी ने छात्रों को व्यक्तित्व विकास के व्यावहारिक पहलुओं जैसे नेतृत्व क्षमता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, संवाद कौशल और आत्मविश्वास की महत्ता पर प्रकाश डाला। 

इस अवसर पर प्रधान लिपिक मनोज कुमार को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। प्राचार्य डॉ. सुधांशु त्रिपाठी ने कहा कि जब श्रम और समर्पण को पहचान मिलती है, तो संस्था और समाज दोनों सशक्त होते हैं। यह वर्ग छात्रों के लिए केवल एक सत्र नहीं, बल्कि आत्मविकास की ओर एक सार्थक यात्रा की शुरुआत है।