Siwan BDO In Action: एक्शन में सिवान के BDO! महादलित बस्तियों का किया निरीक्षण, बुनियादी ढांचे समेत अन्य लोक कल्याण कामों में तेजी लाने के दिए निर्देश

सीवान में बीडीओ वैभव शुक्ला ने महादलित बस्तियों का निरीक्षण कर कल्याण योजनाओं की स्थिति की समीक्षा की। भ्रष्टाचार की शिकायतें, बुनियादी ढांचे की कमी और शौचालय निर्माण की समस्याओं को हल करने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।

Siwan BDO In Action: एक्शन में सिवान के BDO! महादलित बस्तियो
Siwan BDO In Action- फोटो : news4nation

Siwan BDO In Action: बिहार के सिवान में हाशिए पर रहने वाले समुदायों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) वैभव शुक्ला ने सीवान जिले के पचरुखी ब्लॉक के अंतर्गत तीन पंचायतों—महुआरी, उखाई और भटवलिया में अचानक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य महादलित (अत्यंत हाशिए पर रहने वाले दलित) बस्तियों में कल्याण योजनाओं, भ्रष्टाचार की शिकायतों और बुनियादी ढांचे की कमियों से संबंधित व्यवस्थित समस्याओं का समाधान करना था।

निरीक्षण की मुख्य बातें

भ्रष्टाचार पर नकेल  

NIHER

लाभार्थियों ने बताया कि नौकरी कार्ड (मनरेगा) और आधार से संबंधित योजनाओं के सर्वे में शामिल होने के लिए कोई धन की मांग नहीं की गई, जो भ्रष्टाचार विरोधी उपायों का सख्ती से पालन दर्शाता है।  

Nsmch

आधार विवरण में असंगति या नौकरी कार्ड की त्रुटियों जैसे तकनीकी मुद्दों को बीडीओ ने मौके पर ही हल किया, जिससे बाहर रह गए परिवारों को तुरंत शामिल किया गया।  

बुनियादी सुविधाओं की जांच  

निरीक्षण टीम ने बिजली पहुंच, पेयजल आपूर्ति, नालियों (गलीनली), और राशन वितरण का मूल्यांकन किया।  

पेंशन पात्रता में अंतर को तुरंत संबोधित किया गया महुआरी में 2 आवेदकों और भटवलिया में 4 आवेदकों को विकास मित्र (ग्रामीण विकास सहायक) के माध्यम से पेंशन फॉर्म भरने में सहायता दी गई।  

शौचालय निर्माण में बाधाएं  

एक बड़ी समस्या यह पाई गई कि महादलित परिवारों के पास जमीन का मालिकाना हक नहीं है, जिसके कारण स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण नहीं हो पा रहा।  

बीडीओ ने जीवन मिशन (जीविका) और मनरेगा अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के लिए नौकरी कार्ड को प्राथमिकता देने और मजदूरी रोजगार के माध्यम से "तत्काल राहत" प्रदान करने का निर्देश दिया।  

विकास रजिस्टर में सुधार का आदेश  

निरीक्षण के दौरान, विकास रजिस्टर (हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिए विकास लाभ का रिकॉर्ड) में कई महादलित परिवारों के नाम गायब पाए गए, जिससे सटीक आर्थिक आकलन में बाधा उत्पन्न हो रही थी।  

विकास मित्रों को 25 मार्च तक रजिस्टर को अपडेट करने का निर्देश दिया गया, ताकि सभी पात्र परिवारों का दस्तावेजीकरण सुनिश्चित हो सके।  

अब तक की प्रगति  

उखाई पंचायत 75 महादलित परिवारों को कल्याण योजनाओं में शामिल किया गया।  

 भटवलिया पंचायत 100 परिवार जोड़े गए।  

 महुआरी पंचायत 104 परिवार अब पंजीकृत हैं।  

बीडीओ के निर्देश और भविष्य के कदम  

बीडीओ वैभव शुक्ला ने जोर देकर कहा, “महादलितों के बीच भूमिहीनता एक संरचनात्मक समस्या है। हम परिवारों को मनरेगा और जीविका से जोड़कर स्थायी सहायता प्रदान कर रहे हैं, साथ ही पेंशन और राशन जैसे तत्काल जरूरतों को भी संबोधित कर रहे हैं।” जमीनी स्तर पर जवाबदेही विकास मित्रों को घरघर सत्यापन का कार्य सौंपा गया ताकि बहिष्करण की त्रुटियां रोकी जा सकें। बुनियादी ढांचे पर जोर बिजली और जल आपूर्ति विभागों के साथ समन्वय कर लंबित कनेक्शनों को तेज करने का प्रयास।  

यह क्यों मायने रखता है  

यह निरीक्षण बिहार के हाशिए पर रहने वाले क्षेत्रों में कल्याण वितरण को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक कदम है। मौके पर तकनीकी खामियों को हल करके और नौकरशाही देरी पर लगाम लगाकर, प्रशासन नीति और जमीनी हकीकत के बीच की खाई को पाटने का लक्ष्य रखता है। विकास रजिस्टर को अपडेट करने की 25 मार्च की समय सीमा इस प्रतिबद्धता की महत्वपूर्ण परीक्षा होगी।  संदर्भ महादलित समुदाय, जिन्हें बिहार का सबसे वंचित सामाजिक समूह माना जाता है, अक्सर प्रशासनिक चूक या दस्तावेजों की कमी के कारण कल्याण योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। इस तरह के निरीक्षण जैसी पहल संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करने का प्रयास करती हैं।  सिवान प्रशासन का यह सक्रिय दृष्टिकोण पारदर्शिता और व्यवस्थित असमानताओं को संबोधित करने में तत्परता पर जोर देते हुए, भागीदारी शासन का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

सिवान से ताबिश इरशाद की रिपोर्ट

Editor's Picks