Lalu Prasad Birthday: लालू यादव के जन्मदिन पर सीवान में ‘माला कांड’, जीवित तस्वीर पर माला पहनाकर अवध बिहारी चौधरी विवादों में, राजनीति में नई परंपरा

Lalu Prasad Birthday: नेता जी अवध बिहारी चौधरी आए, जोश में आए, और जोश में इतना बह गए कि सीधा माला उठा के लालू की तस्वीर पर चढ़ा दी।

Garland scandal in Siwan on Lalu Yadav s birthday
लालू यादव के जन्मदिन पर सीवान में ‘माला कांड’- फोटो : social Media

Lalu Prasad Birthday:राष्ट्रीय जनता दल  सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 78वें जन्मदिन को लेकर पूरे बिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया। राजधानी पटना समेत राज्य के सभी जिलों में पार्टी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लेकिन सीवान में जन्मदिन के जश्न के दौरान एक ऐसी चूक हो गई, जो पार्टी की किरकिरी का कारण बन गई है।

बिहार की राजनीति में जहाँ कुछ भी संभव है, वहाँ यह भी संभव है कि कोई नेता जन्मदिन के मौके पर माला तस्वीर पर माला चढ़ा दे  और वह भी पूरे जोश-खरोश के साथ!

सीवान में राजद के वरिष्ठ नेता, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने ऐसी ही एक “आध्यात्मिक गलती” कर डाली, जिसने राजनीतिक समझ और संस्कार, दोनों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया।

लालू प्रसाद यादव का 78वां जन्मदिन। पार्टी के सभी कार्यकर्ता जोश में थे, केक-कैप-मिठाई सब रेडी था। नेता जी अवध बिहारी चौधरी आए, जोश में आए, और जोश में इतना बह गए कि सीधा माला उठा के तस्वीर पर चढ़ा दी।

सीवान में आयोजित एक समारोह के दौरान राजद विधायक और बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने लालू प्रसाद यादव की तस्वीर पर माला चढ़ा दी। यह वही लालू यादव हैं जो जीवित हैं, सक्रिय हैं और अब भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पदस्थ हैं। तस्वीर पर माला चढ़ाने की यह ‘परंपरा’ आमतौर पर दिवंगत व्यक्तियों के प्रति श्रद्धांजलि के तौर पर अपनाई जाती है।

भारत में जिंदा लोगों की तस्वीर पर माला नहीं चढ़ाई जाती, लेकिन सीवान में इसे "नवाचार" मान लिया गया। ऐसा आध्यात्मिक प्रयोग हुआ कि फूलों की माला  एक जिंदा नेता की तस्वीर को समर्पित कर दी गई।शायद पार्टी यह दिखाना चाहती थी कि लालू जी अब राजनीति के 'राम' बन चुके हैं  तिलक नहीं, अब सिर्फ माला!

कार्यक्रम में मौजूद तमाम नेता और कार्यकर्ता या तो इतने भावुक थे कि इस भूल को "श्रद्धा" मान बैठे, या फिर इतने डरे हुए, कि कोई बोल ही नहीं पाया। बिहार की राजनीति में हर दिन कुछ न कुछ अद्भुत होता है, लेकिन इस बार सीवान वालों ने कल्पना की उड़ान को नई ऊंचाई दी है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगली बार कोई जन्मदिन पर अगर फोटो पर माला न चढ़ाए, तो कहीं पार्टी उसे 'अपमान' तो न मान ले!