Mouniya Baba Mela: मौनिया बाबा मेला है महाराजगंज की सांस्कृतिक पहचान, नीतीश सरकार ने दिया राजकीय मेला का दर्जा, जानिए पूजन से मिलता है कैसा लाभ

Mouniya Baba Mela: सिवान जिले के महाराजगंज अनुमंडल में लगने वाला ऐतिहासिक मौनिया बाबा मेला इस बार विशेष रहेगा। 101 वर्ष पुराने इस मेले को पहली बार राजकीय मेला का दर्जा दिया गया है। भादो मास की अमावस्या से शुरू होकर यह मेला पूरे एक महीने तक चलता है।

मौनिया बाबा मेला
मौनिया बाबा मेला - फोटो : social media

Mouniya Baba Mahaveeri Mela:  बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय स्थित सुप्रसिद्ध श्री मौनिया बाबा महावीरी झंडा मेला का आज भव्य आयोजन होगा। मेला की शुरुआत 22 अगस्त की रात से हो गई है। बता दें कि, 101 साल बाद मेले को राजकीय दर्जा मिला है। इसके बाद पहली बार इस साल 22 और 23 अगस्त को प्रशासनिक स्तर पर भव्य आयोजन की तैयारी की गई है।

1923 से आयोजित हो रहा मेला 

यह मेला उत्तर बिहार का ऐतिहासिक और धार्मिक मेला माना जाता है। भादो अमावस्या को लगने वाला यह मेला 1923 से लगातार आयोजित हो रहा है। माना जाता है कि इसी वर्ष गौ-रक्षक सिद्ध संत मौनिया बाबा ने समाधि ली थी। हर साल समाधि स्थल पर हर धर्म और संप्रदाय के दर्शनार्थियों की भारी भीड़ जुटती है।

मेले में शामिल होते हैं 21 महावीरी अखाड़े

मेले में 21 महावीरी अखाड़े शामिल होते हैं, जिनमें बंगरा, पसनौली, नवलपुर, रामापाली, उजाय, अभूई, कोथूआ, फतेपुर, वैदापुरा, विशुनपुरा, सावन विग्रह, पकवलिया, बेला गोविंदापुर, रुकुन्दीपुर, तेवथा, करसौत, झझवा, धनछुहा, नागा बाबा मठ, इंदौली, नवयुवक संघ, प्रधान अखाड़ा सिहौता और आजाद अखाड़ा प्रमुख हैं। इन अखाड़ों की परंपरागत झांकियां और प्रदर्शन मेले का विशेष आकर्षण होते हैं।

एक महीने तक सजती है रौनक 

धार्मिक महत्व के साथ-साथ यह मेला लकड़ी और लोहे के सामान के लिए भी मशहूर है। यहां लकड़ी की आलमारी, संदूक, ओखल-मूसल और पौधे की बिक्री खूब होती है। कोलकाता, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर से व्यापारी यहां एक महीने तक अपनी दुकानें सजाते हैं। मनोरंजन के लिए मेले में झूले, सर्कस, मौत का कुआं, ब्रेक डांस और ड्रैगन शो लगाए जाते हैं, जबकि महिलाओं के लिए मीना बाजार बड़ा आकर्षण होता है।

सीएम नीतीश ने दिया राजकीय मेला का दर्जा

राजकीय दर्जा मिलने के बाद इस मेले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता और भी बढ़ गई है। प्रशासन ने सुरक्षा और शांति व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं और सफल आयोजन को लेकर शांति समिति की बैठकें भी की गई हैं। मौनिया बाबा मेले को इसी साल बिहार सरकार ने राजकीय मेले का दर्जा दिया है, जिससे इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता बढ़ी है। सीएम नीतीश की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस का फैसला लिया गया।

मौनिया बाबा के पूजन से लाभ 

मौनिया बाबा के पूजन से कई लाभ मिला है। मान्यता है कि मौनिया बाबा की पूजा करने से गौ धन की रक्षा होती है और खेती-बारी में उन्नति मिलती है। श्रद्धालु विश्वास करते हैं कि बाबा की कृपा से जीवन के बड़े संकट और विपत्ति दूर हो जाती है। कई भक्त मानते हैं कि बाबा की पूजा से संतान की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में शांति बनी रहती है। झंडा चढ़ाने और बाबा की समाधि स्थल पर माथा टेकने से मन की इच्छाएं पूर्ण होती हैं। बाबा के अनुयायी कहते हैं कि उनकी आराधना से व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास और धैर्य मिलता है। बाबा की पूजा से लोगों में भाईचारा और आपसी सौहार्द बढ़ता है।