bihar assemebly election - नामांकन कर लौट रहे महागठबंधन के विधायक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 20 साल पुराने मामले में जारी हुआ था वारंट
bihar assemebly election - नामांकन कर लौट रहे महागठबंधन के विधायक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बताया कि एक पुराने मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ था।

Siwan : महागठबंधन के दरौली विधायक सत्यदेव राम को मंगलवार को सिवान समाहरणालय परिसर से नामांकन के तुरंत बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई वर्ष 2005 के रेल रोको आंदोलन से जुड़े एक पुराने मामले में सोनपुर रेलवे कोर्ट द्वारा जारी स्थायी वारंट के आधार पर की गई।
2005 के रेल रोको आंदोलन से जुड़ा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला वर्ष 2005 में दरौंदा रेलवे स्टेशन पर बिना प्रशासनिक अनुमति के किए गए रेल रोको आंदोलन से संबंधित है। इस संबंध में रेल थाना में कांड संख्या 36/2005 दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान विधायक सत्यदेव राम के बार-बार गैरहाजिर रहने पर सोनपुर रेलवे कोर्ट के एसीजेएम ने उनके खिलाफ स्थायी वारंट जारी कर दिया था।
नामांकन के तुरंत बाद पुलिस कार्रवाई
मंगलवार को नामांकन की औपचारिकता पूरी कर जैसे ही सत्यदेव राम समाहरणालय परिसर से बाहर निकले, नगर थाना पुलिस ने उन्हें वारंट के आधार पर हिरासत में ले लिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से मौके पर मौजूद लोग चकित रह गए और कुछ देर के लिए समाहरणालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
“मामले की जानकारी नहीं थी” — विधायक सत्यदेव राम
हिरासत में लिए जाने के बाद विधायक सत्यदेव राम ने मीडिया से कहा — मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी। मैं निर्वाचन आयोग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए नामांकन करने आया था। नामांकन कर बाहर निकला ही था कि पुलिस ने आकर बताया कि यह किसी पुराने रेल आंदोलन से जुड़ा मामला है।”
पुलिस अधीक्षक ने की कार्रवाई की पुष्टि
सिवान के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा — विधायक सत्यदेव राम के खिलाफ सोनपुर रेलवे कोर्ट द्वारा जारी स्थायी वारंट था। वारंट की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही उन्हें हिरासत में लिया गया है। आगे की कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें सोनपुर रेलवे कोर्ट में पेश किया जाएगा।”
चुनावी माहौल में चर्चा का विषय
विधानसभा चुनाव के बीच नामांकन प्रक्रिया के दौरान एक वर्तमान विधायक की गिरफ्तारी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष और समर्थक दोनों ही इस कार्रवाई को अपने-अपने नजरिए से देख रहे हैं, वहीं प्रशासन ने इसे न्यायिक आदेश का अनुपालन बताते हुए पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई कार्रवाई कहा है।
सिवान से ताबिश इरशाद की रिपोर्ट