Bihar news: शहीद आर्मी जवान रामबाबू सिंह के परिवार से मिले पप्पू यादव, पहुंचाई एक लाख रुपये की आर्थिक, नीतीश सरकार से कर दी बड़ी मांग
Bihar news: ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए जवान रामबाबू सिंह को श्रद्धांजलि देने पूर्णिया सांसद पप्पू यादव सीवान पहुंचे। उन्होंने परिवार को 1 लाख की सहायता दी और सरकार से 2 करोड़ रुपये और नौकरी की मांग की।

Bihar news: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवान रामबाबू सिंह के घर पर पूर्णिया सांसद पप्पू यादव पहुंचे। यह मुलाकात केवल एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और भावनात्मक प्रतीक बन गई है, जिसमें एक नेता ने न केवल परिवार को सांत्वना दी, बल्कि सरकार से तीखे सवाल भी पूछे।
शहीद परिवार को एक लाख की आर्थिक सहायता
पप्पू यादव ने सीवान जिले के वसिलपुर गांव पहुंचकर शहीद जवान रामबाबू सिंह के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वयं प्रदान की और कहा कि इस जवान की शहादत पर पूरे देश को गर्व है। इस परिवार को सिर्फ सांत्वना नहीं, बल्कि सम्मान और स्थायी सहायता की जरूरत है।"
सरकार से 2 करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
सांसद पप्पू यादव ने केंद्र सरकार से मांग की कि शहीद के परिवार को कम से कम 2 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी जाए।परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।बिहार सरकार और मुख्यमंत्री को स्वयं गांव आकर परिवार से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा शब्दों से शहीद की भरपाई नहीं होती, व्यवस्था और सम्मान से होती है। सरकार सिर्फ पोस्टर नहीं, दायित्व निभाए।”
सरकार पर सीधा हमला: “देश नहीं, व्यापार पहले है”
पप्पू यादव ने इस मौके पर केंद्र सरकार की नीतियों और नेतृत्व पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा इंदिरा गांधी ने कभी चीन से समझौता नहीं किया। अटल बिहारी वाजपेयी ने स्पष्ट कहा कि समझौता नहीं करूंगा। लेकिन आज के नेता ट्रंप की एक आवाज पर समझौता कर लेते हैं। इनके लिए देश नहीं, अदाणी-अंबानी पहले हैं।उन्होंने यह भी कहा कि जिस पाकिस्तान को गली का कुत्ता नहीं समझा जाता, उससे ये सरकार परमाणु समझौता कर रही है। चीन और तुर्किए पाकिस्तान का खुला समर्थन कर रहे हैं और हम व्यापार जारी रखे हैं।”
चुनाव जीतना आता है, लेकिन देश की लड़ाई नहीं लड़ सकते”
पप्पू यादव ने सत्ताधारी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा यह नेता चुनाव तो लड़ लेते हैं, सत्ता बचा लेते हैं, लेकिन देश की लड़ाई नहीं लड़ सकते। बिहार के चार जवान शहीद हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री अब तक नहीं पहुंचे।”उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि उन्हें वसिलपुर गांव आकर शहीद को सम्मान देना चाहिए, क्योंकि यह केवल एक परिवार की शहादत नहीं, बिहार और देश की अस्मिता का विषय है।