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आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद महावीर न्यास समिति से जुड़े 9 अस्पतालों और मंदिरों की जिम्मेदारी किसे मिलेगी,कब होगा फैसला

आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद महावीर मंदिर और उससे संबंधित अस्पतालों की देखरेख कौन करेगा, इस पर चर्चा हो रही है। वर्तमान में न्यास समिति के 11 में से 10 सदस्य हैं, जबकि एक पद रिक्त है। कुणाल के निधन के बाद अब समिति में केवल 9 सदस्य बचे हैं।

Kishore kunal
आचार्य का उत्तराधिकारी कौन?- फोटो : hiresh Kumar

आचार्य किशोर कुणाल के नि:शेष होने के पश्चात महावीर मंदिर और उससे संबंधित नौ अस्पतालों की देखरेख कौन करेगा, यह प्रश्न रविवार से ही चर्चा का विषय बना हुआ है। इस विषय पर यह बात उठ रही है कि उनके पुत्र साषण कुणाल या पत्नी अनिता कुणाल को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। महावीर मंदिर से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, न्यास समिति के सदस्यों ने यह तय कर लिया है कि सचिव पद की जिम्मेदारी उनके परिवार के किसी सदस्य को दी जाएगी। हालांकि, न्यास समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर कहा कि अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। 6 जनवरी को महावीर मंदिर न्यास समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अगला सचिव कौन होगा, इस पर निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में न्यास समिति के 11 में से 10 सदस्य हैं, जबकि एक पद रिक्त है। किशोर कुणाल के निधन के बाद अब समिति में केवल 9 सदस्य बचे हैं, जिससे दो नए सदस्यों को समिति में शामिल किया जा सकता है। यही कारण है कि आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

इस स्थिति में समिति में दो व्यक्तियों को स्थान मिल सकता है। इसी कारण आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुण्णल और पत्नी अनिता कुणाल के समिति में शामिल होने की प्रबल संभावना है। आचार्य किशोर कुणाल पिछले 40 वर्षों से महावीर मंदिर से जुड़े हुए थे, और पुराने सदस्यों ने बताया कि वे इस मंदिर की व्यवस्था का संचालन फ्रंट पर रहकर करते थे। महावीर मंदिर न्यास समिति उनके कार्यों का समर्थन करती थी। मंदिर की व्यवस्था में समय-समय पर परिवर्तन, चैरिटेबल अस्पतालों का संचालन, अयोध्या में राम रसोई और सीतामढ़ी में सीता रसोई जैसे कार्य उनके द्वारा स्थापित किए गए थे। वे अपने पुत्र सायण को इन सभी कार्यों से अवगत कराते रहते थे। सायण ने अपने पिता की जीवन पर एक लेख लिखा था, जो काफी प्रसिद्ध हुआ।

जस्टिस पीएन अग्रवाल (अध्यक्ष), जस्टिस एसएन झा, पूर्व मुख्य सचिव वीएम दुबे, जस्टिस राजेंद्र प्रसाद, पूर्व आईएएस एनके सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी, पूर्व विधायी सचिव बासुदेव राम, बोधगया  मंदिर की सचिव महाश्वेता महारथी और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर शिवाकांत झा मंदिर न्यास के सदस्य हैं।

आचार्य किशोर कुणाल ने महावीर मंदिर के पुनर्निर्माण के साथ-साथ महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय, महावीर वरिष्ठ नागरिक अस्पताल सहित नौ चैरिटेबल अस्पतालों की स्थापना की। उन्होंने बिहार के पूर्वी चंपारण में विश्व के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर के निर्माण का कार्य भी आरंभ किया, जो अब आकार ले रहा है। 12 दिसंबर को उनके प्रयासों से देश के पहले बाल कैंसर अस्पताल, महावीर बाल कैंसर अस्पताल का शिलान्यास किया गया। आचार्य किशोर कुणाल के प्रयासों और दृष्टिकोण के तहत अयोध्या के अमावा राम मंदिर परिसर में पटना के महावीर मंदिर की ओर से राम रसोई और सीतामढ़ी स्थित जानकी जन्म स्थान पुनःराधाम में सीता रसोई का संचालन किया जा रहा है।

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