Dhanteras 2024: धनतेरस 2024 इस बार 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जा रहा है। धनतेरस का पर्व, जिसे 'धन त्रयोदशी' भी कहते हैं, दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह पर्व सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। साथ ही धनतेरस के दिन यमराज की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। इससे जुड़ी मान्यता यह है कि यमराज मृत्यु के देवता हैं और वे हमारे जीवन और मृत्यु का नियंत्रण करते हैं। धनतेरस के दिन यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है और दीर्घायु प्राप्त होती है।
यमराज की पूजा का महत्व
यमराज की पूजा का विशेष महत्व है। इससे अकाल मृत्यु से रक्षा होती है। मान्यता है कि यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और व्यक्ति लंबा और स्वस्थ जीवन जीता है। यमराज की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। यमराज की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है। यमराज की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
यम दीपक क्यों जलाया जाता है?
धनतेरस के दिन यम दीपक जलाने का विशेष महत्व है। यह मान्यता है कि यम दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और वे हमें अकाल मृत्यु से बचाते हैं। यम दीपक को घर के मुख्य द्वार पर या घर के बाहर जलाया जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन यम के नाम का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है और व्यक्ति के जीवन में अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
यम दीपक जलाने की विधि:
यम दीपक जलाने की विधि की बात करें तो एक दीपक में सरसों का तेल भरें। दीपक में रुई का बत्ती लगाएं। दीपक को जलाकर यमराज को समर्पित करें। दीपक जलाते समय यह मंत्र बोलें: "यमराज देवता, हमारी रक्षा करें।"
धनतेरस पर यमराज की पूजा का महत्व
धनतेरस के दिन यमराज की पूजा करने से हमारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह हमें जीवन में सफलता और खुशियां प्राप्त करने में मदद करता है। धनतेरस के दिन यमराज के साथ-साथ लक्ष्मी माता और गणेश जी की भी पूजा की जाती है। इस दिन नए बर्तन, सोना-चांदी और अन्य शुभ चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई करके नए कपड़े पहनें।