18 अक्टूबर यानी की आज से कार्तिक महीने की शुरूआत हो गई है। यह हिंदू पंचांग का आठवां महीना होता है। इस माह के स्वामी कार्तिकेय भगवान होते हैं, जिस कारण से इसको कार्तिक महीना कहा जाता है। हिंदू धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व माना जाता है। इस साल 18 अक्टूबर से आरंभ होकर 15 नवंबर की पूर्णिमा तक ये महीना रहने वाला है। कार्तिक माह 4 महीने तक चलने वाला चातुर्मास का आखिरी महीना होता है। इस महीने में देवउठनी एकादशी आती है, जिसमें भगवान विष्णु चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं। भगवान विष्णु के जागने पर सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य फिर से आरंभ हो जाते हैं।
कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा-आराधना, पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। कार्तिक माह में कई तरह के बड़े पर्व मनाए जाते हैं। जिसमें करवा चौथ, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, भैयादूज, छठ, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे व्रत-त्योहार खास होते हैं। पूरे कार्तिक माह दीपदान करने का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कार्तिक माह आखिरकार क्यों इतना खास होता है।
कार्तिक माह के दौरान हर दिन गंगा स्नान, दान और दीपदान करने से कई गुने शुभ फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक महीने में तुलसी की विधि-विधान के साथ सुबह और शाम को पूजा और दीपक जरूर अर्पित करना चाहिए। कार्तिक माह में पवित्र नदियों के तट पर या तालाब आदि में दीपक जरूर जलाना चाहिए। कार्तिक मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करने से अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण को कार्तिक का महीना सभी महीनों में अति प्रिय होता है। जो भी व्यक्ति इस माह में अन्नदान, दीपदान करता है उस पर कुबेर महाराज भी कृपा होती है।