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जानिए कार्तिक माह में क्यों जलाते हैं दीपक, क्या है इसका महत्व

कार्तिक माह में हर घर में दीप जलाए जाते हैं। लेकिन इसका महत्व क्या है ये बहुत कम लोग जानते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे का कारण।

जानिए कार्तिक माह में क्यों जलाते हैं दीपक, क्या है इसका महत्व

अभी कार्तिक मास चल रहा है और इस महीने में हर दिन दीपदान करने की परंपरा है। इसी महीनों में दीपों का पर्व दीपावली 31 अक्टूबर भी मनाया जाता है। धर्म के नजरिए से दीपक की रोशनी देवी-देवताओं को बहुत प्रिय है। ये रोशनी सकारात्मकता बढ़ाती है। जीवन प्रबंधन के नजरिए से देखेंगे तो दीपक अंधकार और अज्ञान दूर करने का प्रतीक है। ध्यान रखें पूजा-पाठ में कभी भी खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए। धर्म-कर्म में खंडित चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

  • मान्यता है कि दीपक सकारात्मकता बढ़ाता है और जहां दीपक जलता है, वहां देवी-देवताओं का वास होता है। इसी वजह से सभी देवी-देवताओं की पूजा में दीपक जलाए बिना पूजा नहीं मानी जाती है।
  • दीपक की रोशनी देवी-देवताओं को बहुत प्रिय है। दीपक हमें संदेश देता है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश फैलाएं, तभी हमें देवी-देवताओं की कृपा यानी सफलता मिलेगी।

  • सुबह-शाम घर में दीपक जलाने से सुख-समृद्धि बनी रहती है। आमतौर पर पूजा में घी का दीपक जलाना चाहिए। घी को पंचामृत यानी पांच अमृतों में से एक माना गया है। घी गाय के दूध से बना होगा तो बहुत शुभ रहेगा। गाय के घी में सूक्ष्म कीटाणुओं को खत्म करने का गुण होता है। जब गाय घी का दीपक जलाया जाता है तो उसके धुएं से घर का वातावरण को पवित्र बनाता है। दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।

  • अग्नि में चीज जलती है तो वह छोटे-छोटे अदृश्य टुकड़ों में बंटकर वातावरण में फैल जाती है। इसलिए अग्नि से घी घर में फैलता है और वातावरण को शुद्ध बनाता है।
  • ध्यान रखें देवी-देवताओं को घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए। तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए। पूजा करते वक्त दीपक बुझना नहीं चाहिए।

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