Religion: हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। इसी क्रम में गुरुवार का दिन गुरु बृहस्पति जी के लिए विशेष रूप से समर्पित है। भगवान विष्णु संसार के पालनहार हैं। गुरुवार के दिन भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं शीघ्रता से पूरी होती हैं। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन यदि कोई व्यक्ति व्रत का पालन पूरी श्रद्धा और विधि के अनुसार करता है, तो उसके परिवार में सदैव सुख और शांति बनी रहती है।
बृहस्पति देव की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और घर में सुख, शांति तथा समृद्धि बनी रहती है। बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को व्रत भी रखा जाता है। गुरुवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से व्यक्ति की किस्मत में सुधार होता है।
गुरुवार के दिन, सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलानी चाहिए और उसी पानी से स्नान करना चाहिए। इसके बाद, माथे पर केसर या हल्दी का तिलक करना आवश्यक है। बृहस्पति देव को पीला वस्त्र अत्यंत प्रिय है। गुरुवार की पूजा में बृहस्पति देव की मूर्ति को स्वच्छ स्थान पर पीले रंग के वस्त्र पर स्थापित करना चाहिए।
वहीं बृहस्पति देव को पीले फूलों की विशेष पसंद होती है, इसलिए गुरुवार की पूजा में पीले रंग के फूल अर्पित करना न भूलें। इस दिन बृहस्पति देव को पीले रंग का पकवान चढ़ाना चाहिए, साथ ही प्रसाद के रूप में गुड़ और चने की दाल का भोग अवश्य लगाना चाहिए। गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करना भी महत्वपूर्ण है। केले के वृक्ष पर जल अर्पित कर उसकी धूप-दीप से पूजा करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं।