पिता-पुत्र को आजीवन कारावास, हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाई सख्त सजा, जुर्माना भी लगाया

पिता-पुत्र को आजीवन कारावास, हत्या के मामले में कोर्ट ने सुन

Supaul - सुपौल जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) गजनफर हैदर की अदालत ने हत्या के एक गंभीर मामले में फैसला सुनाते हुए दो अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने निर्मली थाना क्षेत्र के दिघिया वार्ड नंबर 5 के निवासी भगवानी कुंवर और उनके पुत्र रमेश कुंवर को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने 18 नवंबर को ही दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिता-पुत्र को हत्याकांड में दोषी मान लिया था, जिसके बाद शुक्रवार को सजा के बिंदु पर अंतिम फैसला सुनाया गया।

अदालत ने दोषियों को भारतीय दंड विधान (IPC) की धारा 302/34 और 3(2)(5) के तहत सजा सुनाई है। आजीवन कारावास के अलावा, कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड (जुर्माना) भी लगाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि दोषी जुर्माने की राशि जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें छह महीने के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। चूंकि दोनों पिता-पुत्र 28 फरवरी 2023 से ही जेल में बंद हैं, इसलिए कोर्ट ने आदेश दिया है कि जेल में बिताई गई इस अवधि को उनकी सजा की अवधि में समायोजित किया जाएगा।

इस पूरे मामले में पुलिस और अभियोजन पक्ष की भूमिका अहम रही। एसपी शरथ आर.एस. के मार्गदर्शन में अभियोजन कोषांग ने मजबूती से पक्ष रखा और कुल 10 लोगों की गवाही कराई गई। केस के अनुसंधानकर्ता (IO) ने जांच पूरी कर 23 मार्च 2023 को ही चार्जशीट दाखिल कर दी थी। 

कोर्ट में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक सत्यनारायण मेहता और कौशल कुमार सिंह ने बहस की, जबकि बचाव पक्ष की ओर से वकील प्रवीण कुमार मेहता ने दलीलें पेश कीं। सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने यह सख्त फैसला सुनाया।


(सुपौल से विनय कुमार मिश्र की रिपोर्ट)