Supaul Voter Rights Yatra: बिहार वोट अधिकार यात्रा में राष्ट्रध्वज का हुआ अपमान! झंडे को सड़क पर फेंककर पैरों से रौंदा

Supaul Voter Rights Yatra: वोटर अधिकार यात्रा का तीसरा चरण सुपौल से शुरू हुआ जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव और अन्य महागठबंधन नेता शामिल हुए। यात्रा के दौरान भीड़ का उत्साह, फ्लाइंग किस घटना और राष्ट्रध्वज विवाद चर्चा में रहे।

 Supaul Voter Rights Yatra
वोटर अधिकार यात्रा का तीसरा चरण- फोटो : SOCIAL MEDIA

Supaul Voter Rights Yatra: वोटर अधिकार यात्रा के मंगलवार (26 अगस्त 2025) को तीसरे चरण की शुरुआत सुपौल से हुई। यात्रा में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी, तेजस्वी यादव, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य समेत महागठबंधन के कई बड़े नेता शामिल हुए।

सुबह 08 बजे कार्यक्रम तय था, लेकिन राहुल गांधी करीब एक घंटे देरी से पहुंचे। इसके बाद हुसैन चौक से डिग्री कॉलेज चौक तक 4 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली गई, जिसमें जनता और कार्यकर्ताओं का भारी उत्साह देखने को मिला।

जनता का उत्साह और नारेबाजी

भीषण गर्मी के बावजूद हजारों कार्यकर्ता और समर्थक यात्रा में शामिल हुए। रास्तेभर ‘‘वोट चोर, गद्दी छोड़’’ के नारे गूंजते रहे।लोगों ने फूल बरसाकर राहुल और प्रियंका का स्वागत किया। राहुल गांधी ने समर्थकों से हाथ मिलाया और कई जगह हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन भी किया।

फ्लाइंग किस घटना ने खींचा ध्यान

डिग्री कॉलेज चौक के पास एक अनोखी घटना घटी। एक युवक राहुल गांधी से हाथ मिलाने के प्रयास में उनकी गाड़ी पर चढ़ गया। सुरक्षा कर्मियों ने युवक को तुरंत नीचे उतार दिया, लेकिन उससे पहले युवक ने राहुल गांधी को ‘‘फ्लाइंग किस’’ दिया।यह दृश्य वहां मौजूद भीड़ के बीच चर्चा का विषय बन गया।

राष्ट्रध्वज विवाद और वायरल वीडियो

यात्रा के समापन के तुरंत बाद लोहिया नगर चौक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में कुछ कार्यकर्ता राष्ट्रध्वज का अपमान करते दिख रहे हैं। झंडे को सड़क पर फेंककर पैरों से रौंदा गया।वीडियो में कांग्रेस और राजद के झंडे थामे कुछ लोग भी नजर आए। पुलिस कर्मी मौके पर मौजूद थे, लेकिन घटना रोकने में असफल रहे।एसपी शरथ आरएस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा कि ‘‘उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी’’।कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजनारायण गुप्ता ने इस घटना को ‘‘सत्तारूढ़ दलों की साजिश’’ बताया है।