Best investment options 2026: 2026 में कहां करें निवेश? सोना, शेयर, रियल एस्टेट या FD—किसमें मिलेगा सबसे बेहतर रिटर्न

Best investment options 2026: सोना, शेयर बाजार, रियल एस्टेट और FD—किसमें मिलेगा 2026 में बेहतर रिटर्न? जानिए पिछले रिटर्न, एक्सपर्ट अनुमान और किस निवेशक के लिए कौन-सा विकल्प सही है।

Best investment options 2026
किसमें मिलेगा 2026 में बेहतर रिटर्न?- फोटो : social media

Best investment options 2026:  साल 2025 में निवेश की दुनिया में सबसे बड़ा सरप्राइज सोने ने दिया। जहां शेयर बाजार सीमित रफ्तार से आगे बढ़ा, वहीं सोने ने निवेशकों की उम्मीद से कहीं ज्यादा रिटर्न दिया। एक लाख रुपये का निवेश सोने में बढ़कर करीब एक लाख अस्सी हजार रुपये तक पहुंच गया, जबकि शेयर बाजार में यही रकम लगभग एक लाख ग्यारह हजार रुपये ही बन पाई। अब सवाल यह है कि 2026 में निवेश का सही रास्ता कौन-सा होगा। क्या सोना फिर चमकेगा, शेयर बाजार रफ्तार पकड़ेगा या प्रॉपर्टी सुरक्षित विकल्प बनेगी? बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले साल में तीनों बड़े एसेट क्लास—सोना, शेयर और रियल एस्टेट—में औसतन 12 से 15 प्रतिशत तक रिटर्न मिलने की संभावना है।

क्यों सोना बना निवेशकों की पहली पसंद

पिछले कुछ वर्षों में सोना केवल सुरक्षित निवेश ही नहीं रहा, बल्कि मजबूत रिटर्न देने वाला एसेट भी बन गया है। वैश्विक अनिश्चितता, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और जियो-पॉलिटिकल तनाव के कारण लोग तेजी से सोने की ओर लौटे हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार 2026 में भी सोने की मांग मजबूत बनी रह सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सोना आने वाले समय में नई ऊंचाई छू सकता है और प्रति 10 ग्राम कीमत डेढ़ लाख रुपये से ऊपर जा सकती है। इसका मतलब है कि सोने में निवेश करने वालों को 12 से 15 प्रतिशत तक का रिटर्न मिल सकता है। जो निवेशक कम जोखिम चाहते हैं, रिटायरमेंट की योजना बना रहे हैं या शेयर बाजार की अस्थिरता से बचना चाहते हैं, उनके लिए गोल्ड ETF या सिल्वर ETF जैसे विकल्प ज्यादा सुविधाजनक माने जा रहे हैं।

लंबी अवधि में संपत्ति बनाने का सबसे मजबूत जरिया

हालांकि 2025 में शेयर बाजार ने निवेशकों को निराश किया, लेकिन लंबी अवधि के लिहाज से इक्विटी अब भी सबसे असरदार विकल्प माना जाता है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ, इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च और कॉरपोरेट मुनाफे के चलते 2026 में बाजार दोबारा रफ्तार पकड़ सकता है।अनुमान है कि निफ्टी इंडेक्स 2026 के अंत तक मौजूदा स्तर से करीब 12 से 15 प्रतिशत तक ऊपर जा सकता है। ऐसे निवेशक जो जोखिम लेने को तैयार हैं और लंबी अवधि में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड, इंडेक्स फंड और SIP जैसे विकल्प बेहतर रह सकते हैं।युवा निवेशकों के लिए शेयर बाजार अब भी सबसे प्रभावी वेल्थ क्रिएशन टूल माना जा रहा है, बशर्ते निवेश धैर्य और सही रणनीति के साथ किया जाए।

स्थिर आय और भरोसेमंद ग्रोथ

रियल एस्टेट उन निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बना हुआ है, जो स्थिरता और नियमित आय चाहते हैं। खासकर बड़े शहरों में कमर्शियल प्रॉपर्टी और ऑफिस स्पेस की मांग लगातार बनी हुई है।विशेषज्ञों के मुताबिक, REITs यानी रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के जरिए कम पूंजी में भी प्रॉपर्टी मार्केट में हिस्सा लिया जा सकता है। 2026 में REITs से 12 से 15 प्रतिशत तक का कुल रिटर्न मिलने की संभावना जताई जा रही है।वहीं, सीधे प्रॉपर्टी खरीदने वालों को लोकेशन के आधार पर 8 से 12 प्रतिशत तक की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। मध्यम जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए यह विकल्प संतुलित माना जाता है।

FD और डेट इंस्ट्रूमेंट्स की भूमिका

जो लोग जोखिम से बिल्कुल दूर रहना चाहते हैं, उनके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और डेट फंड अब भी भरोसेमंद विकल्प हैं। हालांकि इनसे मिलने वाला रिटर्न शेयर या सोने जितना नहीं होता, लेकिन पूंजी की सुरक्षा बनी रहती है। 2026 में FD पर औसतन 6 से 7 प्रतिशत और डेट फंड्स पर 7 से 9 प्रतिशत तक का रिटर्न मिलने की उम्मीद है। सीनियर सिटिज़न्स और इमरजेंसी फंड के लिए ये विकल्प सबसे ज्यादा उपयुक्त माने जाते हैं।

2026 में निवेश का सही संतुलन क्यों जरूरी है

निवेश विशेषज्ञों की राय है कि 2026 में किसी एक विकल्प पर पूरी रकम लगाने की बजाय पोर्टफोलियो को संतुलित रखना ज्यादा समझदारी होगी। सोना सुरक्षा देता है, शेयर ग्रोथ लाते हैं, प्रॉपर्टी स्थिरता देती है और डेट इंस्ट्रूमेंट्स जोखिम को कम करते हैं। अगर निवेशक सही मिश्रण के साथ आगे बढ़ते हैं, तो आने वाला साल न सिर्फ सुरक्षित बल्कि मुनाफे वाला भी साबित हो सकता है।