बायजूस संकट गहराया: BCCI और रिजु रवींद्रन को NCLAT से करारा झटका, दिवालिया प्रक्रिया नहीं रुकेगी!

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byjus raveendran bcci nclat- फोटो : Social Media

देश की सबसे बड़ी क्रिकेट बॉडी और एक नामचीन एडटेक स्टार्टअप के बीच जारी कानूनी जंग ने नया मोड़ ले लिया है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने आज एक महत्वपूर्ण फैसले में BCCI और रिजु रवींद्रन की अपीलों को खारिज कर दिया है, जिससे संकट में घिरी Byju's को तगड़ा झटका लगा है।

इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि Byju's के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया अब जारी रहेगी और इसे रोका नहीं जाएगा—कम से कम अब नहीं।

क्या थी अपील?

BCCI और रिजु रवींद्रन (जो Byju’s के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के भाई हैं) ने NCLT के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि Byju’s का सेटलमेंट ऑफर क्रेडिटर्स की नई कमेटी (CoC) के सामने पेश किया जाए। इन अपीलों में आग्रह किया गया था कि मामले को सुलझाने के लिए सेटलमेंट पर विचार किया जाए और दिवालिया प्रक्रिया को रोका जाए।

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NCLAT का बड़ा फैसला

हालांकि, NCLAT की चेन्नई बेंच के न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और जस्टिस जतिंद्रनाथ स्वैन ने NCLT के फैसले को सही ठहराते हुए स्पष्ट किया कि "चूंकि सेटलमेंट प्रस्ताव CoC के गठन के बाद दायर किया गया था, इसलिए इसे केवल CoC की मंजूरी के बाद ही स्वीकार किया जा सकता है।" यह तर्क दिया गया कि IBC की धारा 12A और संबंधित नियमों के तहत, दिवालिया प्रक्रिया को तब ही रोका जा सकता है जब CoC के 90% सदस्य इसके पक्ष में हों।

सेटलमेंट कब दिया गया – वही बना विवाद का केंद्र

BCCI और रिजु का दावा था कि उन्होंने सेटलमेंट प्रस्ताव CoC के गठन से पहले ही दायर कर दिया था, जिससे उन पर IBC के रेगुलेशन 30A(1)(a) लागू होते हैं। लेकिन NCLAT ने इसे खारिज करते हुए माना कि प्रस्ताव CoC बनने के बाद लाया गया, और इसलिए 30A(1)(b) के तहत ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी—जिसमें लेंडर्स की सहमति जरूरी है।

बायजूस के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?

Byju’s के लिए यह फैसला एक बड़ा झटका है। कंपनी पहले से ही 1.2 बिलियन डॉलर के कर्ज में डूबी हुई है, जिसे US-बेस्ड ग्लास ट्रस्ट जैसे निवेशकों ने दिया है। अब दिवालिया प्रक्रिया के जारी रहने से न केवल कंपनी की छवि को धक्का लगेगा, बल्कि उसके पुनर्गठन के प्रयासों पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।

क्रिकेट से कोर्ट तक: BCCI क्यों शामिल हुआ?

इस पूरे विवाद में BCCI की मौजूदगी ने भी सबका ध्यान खींचा है। Byju’s एक समय BCCI का प्रायोजक रह चुका है, और दोनों के बीच अब वित्तीय बकाया को लेकर टकराव है। अब जब कोर्ट से राहत नहीं मिली, तो ये विवाद और लंबा खिंच सकता है।


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