कस्टम ड्यूटी में बदलाव: 150-200 प्रोडक्ट होंगे सस्ते या महंगे, जानिए कैसे होगा असर!

नई दिल्ली: सरकार ने फरवरी 2025 में पेश किए गए बजट में कस्टम ड्यूटी में बदलाव की घोषणा की थी, जिसका असर 150-200 प्रोडक्ट्स पर पड़ेगा। कस्टम ड्यूटी में यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा, लेकिन कुछ विशेष बदलावों की तारीख केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के नोटिफिकेशन पर निर्भर करेगी। इससे बाजार में कुछ वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं, वहीं कुछ की कीमतें बढ़ भी सकती हैं। आइए जानते हैं इस बदलाव से क्या असर पड़ेगा और कौन सी चीजें सस्ती या महंगी हो सकती हैं।
सस्ती होने वाली चीजें:
आयातित कारें और मोटरसाइकिलें: यदि आपकी पसंदीदा कार 40 हजार डॉलर से अधिक की कीमत वाली है या उसकी इंजन क्षमता 3,000 CC से अधिक है, तो अब इसे आयात करने पर कस्टम ड्यूटी घट सकती है। इसके अलावा, CBU यूनिट के रूप में आयातित मोटरसाइकिलें जिनकी इंजन क्षमता 1600 CC से अधिक नहीं है, उनकी कीमतों में भी कमी हो सकती है।
जीवन रक्षक दवाइयां: सरकार ने 36 महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाइयों से कस्टम ड्यूटी हटा दी है, जिससे इन दवाइयों का आयात सस्ता होगा और मरीजों को क्रिटिकल ट्रीटमेंट के लिए कम खर्च करना पड़ेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV): इलेक्ट्रिक वाहन अब सस्ते हो सकते हैं, क्योंकि सरकार ने बैटरी निर्माण के लिए 35 कैपिटल गुड्स पर कस्टम ड्यूटी हटा दी है। इससे EV की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।
मोबाइल फोन बैटरी प्रोडक्शन: मोबाइल फोन बैटरी बनाने के लिए 28 कैपिटल गुड्स पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, जिससे मोबाइल फोन बैटरियों की कीमतों में भी कमी हो सकती है।
महंगे होने वाली चीजें:
स्मार्ट मीटर और सौर सेल: स्मार्ट मीटर और सौर सेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है।
आयातित जूते, मोमबत्तियां, और नौकाएं: आयातित जूतों, मोमबत्तियों, नौकाओं और अन्य जहाजों पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, जिससे इनकी कीमतों में इजाफा होगा।
PVC प्रोडक्ट्स: PVC फ्लेक्स फिल्म्स, PVC फ्लेक्स शीट्स, PVC फ्लेक्स बैनर आदि के दाम भी बढ़ सकते हैं क्योंकि इन पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि की गई है।
कपड़े और टीवी: निटिंग प्रोसेस से बने कपड़े और LCD/LED टीवी की कीमतें भी महंगी हो सकती हैं, क्योंकि इन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है।
क्या असर होगा?
कस्टम ड्यूटी में हुए इन बदलावों से बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकता है। कुछ उत्पाद सस्ते हो सकते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा, जबकि कुछ उत्पाद महंगे हो सकते हैं, जिससे लागत बढ़ सकती है। इन बदलावों का सीधा असर घरेलू उत्पादों की कीमतों पर पड़ेगा और इससे भारतीय उद्योगों पर भी प्रभाव होगा।
सरकार का यह कदम न केवल कस्टम ड्यूटी को संरेखित करने की दिशा में है, बल्कि यह टैक्सेशन प्रणाली को भी अधिक पारदर्शी बनाने का प्रयास है। अब देखना यह है कि ये बदलाव उपभोक्ताओं के लिए कितने फायदे और नुकसान लेकर आते हैं।