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DELHI CYBER CRIME : फर्जी कोर्ट में नकली सीजेआई ने की सुनवाई और देश के बड़े कपड़ा कारोबारी से ठग लिए सात करोड़ रुपए, सबकुछ इतना परफेक्ट कि एक बार भी नहीं हुआ शक

Oswal Group chairman duped of Rs 7 crore by posing as fake CJI

NEW DELHI :  कुछ दिन पहले नई दिल्ली में देश के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर कुछ लोगों ने टैक्सी का किराया देने की मांग की थी। जिसको लेकर खुद सीजेआई ने नाराजगी जाहिर करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। अब साइबर ठगों ने सीजेआई के नाम पर सात करोड़ रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दिया है। इस दौरान ठगों ने वर्चुअल कोर्ट रुम भी तैयार किया और फर्जी सीजेआई ने फैसला सुना दिया। जिसमें ठगों का शिकार देश के मशहूर कपड़ा उद्योगपति और वर्धमान समूह के चेयरमैन एसपी ओसवाल हुए हैं।   मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। 

पूरी घटना को लेकर बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक ओसवाल पर अपने आधार कार्ड का दुरुपयोग करके फर्जी पासपोर्ट और डेबिट कार्ड के साथ मलेशिया में पार्सल भेजने और गिरफ्तारी वारंट की धमकी देने का भी आरोप लगाया। जिसके बाद साइबर ठगों ने स्काइप कॉल के जरिए सुप्रीम कोर्ट की फर्जी सुनवाई की। जिसमें मामले की सुनवाई CJI कर रहे थे। ओसवाल को व्हाट्सएप पेट एक फर्जी, मुहर लगी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का एक मैसेज भी मिला था जिसमें उन्हें एक सीक्रेट अकाउंट में 7 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि बाद में यह सब फ्रॉड साबित हुआ। 

बिल्कुल शक नहीं हुआ कि यह सब फर्जी

पूरे मामले पर मशहूर कपड़ा उद्योगपति और वर्धमान समूह के चेयरमैन एसपी ओसवाल  ने बताया कि  स्काइप पर फर्जी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान उन्होंने जज का परिचय जस्टिस चंद्रचूड़ के रूप में कराया। हालांकि मैं उनका चेहरा नहीं देख पाया। ओसवाल ने कहा कि  लेकिन मुझे वो बात करते और मेज पर हथौड़ा मारते हुए दिख रहे थे। लिखित सुप्रीम कोर्ट का आदेश इतना सही और मुहर लगी हुई थी कि मुझे विश्वास हो गया कि यह असली है और मैंने राशि ट्रांसफर कर दी।

एसपी ओसवाल ने बताया कि  मुझे सुप्रीम कोर्ट के कुछ अन्य फर्जी दस्तावेज भी मिले जिसमें मामले का उल्लेख ‘जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ बनाम श्री पॉल ओसवाल’ के रूप में किया गया था। लेकिन वर्धमान समूह के   अधिकारीयों को इस मामले को लेकर कुछ शंका  लगी । उन्होंने इस घटना की शिकायत पुलिस से की । 

5.25 करोड़ किया जब्त

पुलिस ने इस मामले पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए एक अंतरराज्यीय गिरोह की पहचान की और गुवाहाटी में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।पुलिस ने इस मामले में  अब तक जालसाजों से ठगे गए रूपए में से  5.25 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं और ओसवाल के बैंक खाते में वापस कर दिए गए हैं। पुलिस ठगी की घटना में शामिल अन्य अपराधियों के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।


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