देश में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का समय एक बार फिर आ गया है। सभी टैक्सपेयर्स को 31 जुलाई 2025 तक अपना ITR फाइल करना होगा। भले ही आपकी इनकम टैक्स की लिमिट में आती हो या नहीं, ITR फाइल करना केवल एक टैक्स भरने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट (Financial Document) है, जो भविष्य में कई काम आ सकता है। आजकल लोन, इंवेस्टमेंट और वीजा जैसे मामलों में भी ITR की अहमियत बढ़ गई है।
ITR फाइल करने के फायदे
TDS क्लेम (TDS Refund Claim): यदि आपकी सैलरी या अन्य इनकम से TDS (Tax Deducted at Source) काटा गया है, तो ITR फाइल करने पर आप इसका रिफंड क्लेम कर सकते हैं। यदि आप ITR फाइल नहीं करते, तो आपका TDS सरकार के पास ही रह जाएगा। इस तरह आप अपने पैसों का फायदा उठा सकते हैं।
फाइनेंशियल लॉस का एडजस्टमेंट (Adjust Financial Loss): अगर आपको किसी बिजनेस, प्रॉपर्टी या शेयर बाजार में नुकसान हुआ है, तो ITR के माध्यम से आप उसे अगले साल के मुनाफे से एडजस्ट कर सकते हैं। बिना ITR फाइल किए यह लाभ नहीं मिल पाता, जिससे आप आने वाले साल में अपने टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकते हैं।
वीजा प्रोसेस (Visa Process): यदि आप विदेश यात्रा के लिए वीजा आवेदन करना चाहते हैं, तो ITR की कॉपी आपके इनकम प्रूफ के रूप में काम आती है। इससे यह साबित होता है कि आप स्थिर आर्थिक स्थिति में हैं।
लोन अप्रूवल (Easy Loan Approval): बैंकों और फाइनेंशियल संस्थाओं से लोन लेने के लिए ITR एक मजबूत इनकम प्रूफ के रूप में काम करता है। यह आपके फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को दर्शाता है, जिससे लोन अप्रूव करना आसान हो जाता है।
फ्यूचर फाइनेंशियल प्लानिंग (Future Financial Planning): ITR फाइल करना आपकी फाइनेंशियल डिसिप्लिन को दिखाता है, जिससे भविष्य में आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग और इंवेस्टमेंट्स पर सकारात्मक असर पड़ता है।