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अमेरिकी ट्रेड पॉलिसीज के चलते सोने की कीमतों में उछाल, अब इतने में मिलेगा 10 ग्राम गोल्ड

अमेरिकी ट्रेड पॉलिसीज के चलते सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। भारत की ज्वैलरी मार्केट पर भी इसका असर पड़ा है। जानें सोने की कीमत और इसके भविष्य के प्राइस फॉरकास्ट।

अमेरिकी ट्रेड पॉलिसीज के चलते  सोने की कीमतों में उछाल, अब इतने में मिलेगा 10 ग्राम गोल्ड
gold price - फोटो : SOCIAL MEDIA

Gold price rise: बीते कुछ महीनों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। मंगलवार, 18 फरवरी 2025 को भी सोने की कीमतों में तेज़ी देखी गई, और इसके पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसीज और ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंकाओं को प्रमुख कारण माना जा रहा है। निवेशकों ने सेफ-हेवन एसेट्स की ओर रुख किया है, जिसमें गोल्ड को सबसे अधिक फायदा मिला है।

सोने की मौजूदा कीमत क्या है?

स्पॉट गोल्ड की कीमत में 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई और यह अब 2,903.56 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। वहीं, यूएस गोल्ड फ्यूचर्स में भी 0.6 फीसदी की बढ़त देखी गई, जिससे यह 2,916.80 डॉलर प्रति औंस हो गई है। भारत में, 24 कैरेट गोल्ड की कीमत अब प्रमुख शहरों जैसे मुंबई में 86,630 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। खास बात यह है कि यह वृद्धि उस समय देखी जा रही है जब यूएस डॉलर इंडेक्स 106.6 के स्तर पर बना हुआ है।

सोने की कीमतों में और वृद्धि संभव

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में भविष्य में और भी वृद्धि हो सकती है। कैपिटल डॉट कॉम के फाइनेंशियल मार्केट एनालिस्ट काइल रोड्डा का कहना है कि सेंट्रल बैंक्स द्वारा सोने की खरीदारी और यूरोप में संभावित कमी के चलते गोल्ड की मांग बढ़ रही है।इसके अलावा, गोल्डमैन सैक्स ने 2025 के अंत तक गोल्ड प्राइस का फॉरकास्ट बढ़ाकर 3,100 डॉलर प्रति औंस कर दिया है, जो यह संकेत देता है कि निवेशक गोल्ड में अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं।

फेडरल रिजर्व और गोल्ड की मांग

फेडरल रिजर्व गवर्नर मिशेल बोमन का कहना है कि वे ब्याज दरों में कटौती का समर्थन तभी करेंगी जब मुद्रास्फीति में सुधार होगा। हालांकि, ट्रेड पॉलिसीज को लेकर बढ़ती अनिश्चितता गोल्ड की मांग को सपोर्ट कर रही है। इससे यह साफ है कि निकट भविष्य में भी गोल्ड एक प्रमुख निवेश विकल्प बना रहेगा।

भारत की ज्वैलरी मार्केट पर असर

ग्लोबल ट्रेड पॉलिसीज में अनिश्चितता का असर केवल सोने की कीमतों पर ही नहीं बल्कि भारत की जेम्स और ज्वैलरी मार्केट पर भी देखा जा रहा है। जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के अनुसार, जनवरी 2025 में भारत के जेम्स और ज्वैलरी एक्सपोर्ट में 7.01 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, इम्पोर्ट्स में 37.83 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट भारत की ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए एक चुनौती बन गई है, क्योंकि गोल्ड की बढ़ती कीमतों से ज्वैलरी के उपभोक्ताओं की खरीदारी पर भी असर पड़ रहा है।

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