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HDFC बैंक ने सीनियर सिटीज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS) में निवेश के लिए खोले दरवाजे

HDFC बैंक का SCSS में भाग लेना भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। इस कदम के जरिए बैंक ने न केवल अपने ग्राहक आधार को बढ़ाया है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों को एक स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प भी प्रदान किया है।

Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)
Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)- फोटो : Social Media

बुजुर्गों को स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प प्रदान करने के लिए HDFC बैंक ने एक अहम कदम उठाया है। अब यह बैंक सीनियर सिटीज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS) के तहत जमा स्वीकार करना शुरू कर चुका है, जिससे अब यह बैंक भी सरकारी-backed इस लोकप्रिय निवेश योजना का हिस्सा बन गया है। इस योजना का उद्देश्य 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को 8.2% वार्षिक ब्याज दर के साथ एक सुरक्षित और आकर्षक निवेश विकल्प प्रदान करना है।

SCSS: बुजुर्गों के लिए एक मजबूत वित्तीय सहारा

सीनियर सिटीज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS) विशेष रूप से उन नागरिकों के लिए है जो रिटायर हो चुके हैं, साथ ही वे लोग भी इसमें निवेश कर सकते हैं जिन्होंने सुपरएन्नुएशन, स्वैच्छिक रिटायरमेंट योजना (VRS), या विशेष VRS का विकल्प चुना हो, बशर्ते उनकी आयु 55 से 60 वर्ष के बीच हो। इसके अलावा, रक्षा सेवाओं से रिटायर होने वाले व्यक्तियों को यह योजना 50 वर्ष की उम्र में भी खोलने का अवसर देती है।

SCSS के तहत अधिकतम निवेश सीमा 30 लाख रुपये है, और इस योजना का कार्यकाल 5 साल का होता है, जिसे समाप्ति के बाद 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इससे यह योजना बुजुर्गों के लिए लचीला और उपयुक्त विकल्प बन जाती है, जो अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, इस योजना में किए गए निवेश पर कर लाभ भी प्राप्त होते हैं, क्योंकि यह आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर कटौती योग्य है, जिससे यह निवेश एक टैक्स-एफिशियंट विकल्प बनता है।

हर महीने मिलता है नियमित आय का स्रोत

SCSS में किए गए निवेश पर ब्याज हर तिमाही में सीधे वरिष्ठ नागरिक के जुड़ी हुई बचत खाता में जमा किया जाता है। इस नियमित आय की व्यवस्था बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह उन्हें अपनी दैनिक जरूरतों और खर्चों के लिए स्थिर और सुनिश्चित आय का स्रोत प्रदान करती है।

HDFC बैंक की पहल: क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण?

HDFC बैंक का SCSS में भाग लेना इस तथ्य को और पुख्ता करता है कि निजी क्षेत्र के बैंक अब बुजुर्गों के वित्तीय सुरक्षा के लिए भी सक्रिय हो गए हैं। पहले ICICI बैंक और IDBI बैंक जैसे निजी बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जैसे एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, और बैंक ऑफ बड़ौदा इस योजना को पेश कर रहे थे। अब HDFC बैंक भी इस सूची में शामिल हो गया है, जिससे यह योजना और भी सुलभ हो गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि SCSS जैसे उत्पादों की बढ़ती उपलब्धता वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आश्वासन है, खासकर जब वे अपनी जीवन की अवकाश अवधि में स्थिर आय की तलाश कर रहे हैं। HDFC बैंक का इस योजना में शामिल होना भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में रणनीतिक महत्व रखता है, क्योंकि यह बैंक वरिष्ठ नागरिकों को आकर्षित करने के लिए अब एक और उत्पाद पेश कर रहा है।

SCSS के अन्य लाभ

  1. टैक्स बचत: इस योजना में किए गए निवेश पर 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, जिससे यह बुजुर्गों के लिए और भी आकर्षक विकल्प बन जाती है।
  2. अवधि में लचीलापन: योजना का कार्यकाल 5 साल है, और इसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, कुछ परिस्थितियों में इसे पहले भी बंद किया जा सकता है।
  3. ब्याज दर: इस योजना पर 8.2% का आकर्षक ब्याज मिलता है, जो आज के समय में किसी भी सुरक्षित निवेश के लिए एक बेहतरीन दर है।
  4. विस्तृत विकल्प: भारत के विभिन्न सार्वजनिक और निजी बैंक इस योजना को उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए अपने बैंक के विकल्प के आधार पर योजना का चयन करना और भी आसान हो गया है।

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