शेयर बाजार में निवेशकों की बढ़ती संख्या और SEBI की ऑनलाइन शिकायत समाधान सेवा

भारत में शेयर बाजार में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे डिजिटलीकरण, निवेशकों में बढ़ी जागरूकता और बाजार का अच्छा प्रदर्शन है। 2025 की शुरुआत तक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 11 करोड़ से अधिक यूनिक निवेशकों के खाते खुल चुके हैं। खासकर युवा निवेशक अब शेयर बाजार में सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं, जिनकी औसत उम्र पहले 38 साल थी, जो अब घटकर 32 साल हो गई है। इस बढ़ती जागरूकता के साथ-साथ निवेशकों की संख्या में पिछले पांच सालों में 3.6 गुना वृद्धि हुई है।
हालांकि, जैसे-जैसे निवेशकों की संख्या बढ़ी है, वैसे-वैसे शेयर बाजार में शिकायतों की संख्या भी बढ़ी है। साल 2023-24 में SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) को कुल 44,599 शिकायतें मिलीं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 28.3% अधिक थीं। इनमें धोखाधड़ी, गलत व्यापार प्रथाओं और सेवाओं में कमी जैसी समस्याएं शामिल हैं। फरवरी 2025 में, SEBI को 3,969 शिकायतें मिलीं, जो इस बढ़ते ट्रेंड को दर्शाती हैं।
SEBI की ऑनलाइन शिकायत समाधान सेवा: इन समस्याओं के समाधान के लिए SEBI ने निवेशकों के लिए एक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म शुरू किया है। इस सेवा के अंतर्गत, निवेशक SEBI Complaints Redressal System (SCORES), SMART Online Dispute Resolution (ODR) और Market Intelligence (MI) जैसे विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। अगर निवेशक शिकायत दर्ज करने के लिए अपने संबंधित मध्यस्थ या कंपनी से संपर्क करने के बाद भी संतुष्ट नहीं होते, तो वे एक साल के भीतर SCORES प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
किन मामलों में शिकायत दर्ज की जा सकती है?
SEBI के प्लेटफॉर्म पर शिकायतें लिस्टेड कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स, स्टॉकब्रोकर और डिपॉजिटरी से संबंधित मामलों में दर्ज की जा सकती हैं। जैसे कि, बोनस शेयरों का वितरण न होना, लाभांश का भुगतान न होना, SIP के भुगतान में देरी, स्टॉकब्रोकर द्वारा सहमति के बिना पोजीशन काटना, आदि।
किन मामलों में शिकायत नहीं की जा सकती?
कुछ मामलों में SEBI को शिकायत नहीं की जा सकती, जैसे कि अनलिस्टेड कंपनियों के खिलाफ, परिसमाप्त कंपनियों के खिलाफ या अन्य नियामक निकायों जैसे RBI, IRDAI के दायरे में आने वाली शिकायतें।
इस बढ़ती शिकायतों की संख्या और समस्याओं के समाधान के लिए SEBI का यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है। निवेशकों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने और धोखाधड़ी से बचाने के लिए यह प्लेटफॉर्म अब एक अहम उपकरण बन चुका है।