आम आदमी के लिए 'गुड न्यूज': सस्ता होगा CNG और PNG! नए टैरिफ स्ट्रक्चर से 312 शहरों को मिलेगा फायदा, कंपनियों को निर्देश- 'तुरंत पहुंचाएं लाभ
पेट्रोलियम नियामक बोर्ड (PNGRB) ने नए टैरिफ स्ट्रक्चर के जरिए CNG और PNG उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने की तैयारी की है। 40 कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे रैशनलाइज्ड टैरिफ का पूरा लाभ ग्राहकों को दें। इससे ट्रांसपोर्ट और घरेलू रसोई गैस सस्ती हो
Patna - महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) के लिए एक नया और तर्कसंगत टैरिफ स्ट्रक्चर (Rationalized Tariff Structure) तैयार किया है। इस फैसले से देशभर में गाड़ी चलाने वालों (CNG) और रसोई में पाइप वाली गैस (PNG) का इस्तेमाल करने वालों को सीधा फायदा होगा।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने टैरिफ में बदलाव (रैशनलाइजेशन) का ऐलान किया है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होगा. एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में PNG RB के मेंबर AK तिवारी ने कहा कि नया यूनिफाइड टैरिफ स्ट्रक्चर लागू होने से उपभोक्ताओं को राज्य और लागू टैक्स के अनुसार प्रति यूनिट ₹2 से ₹3 तक की बचत होगी PNGRB के अधिकारी तिवारी ने स्पष्ट किया है कि नियामक (Regulator) का उद्देश्य उपभोक्ताओं और बिजनेस ऑपरेटरों के हितों में संतुलन बनाए रखना है।

किन लोगों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?
नए टैरिफ स्ट्रक्चर का लाभ भारत में काम कर रही 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों के दायरे में आने वाले 312 भौगोलिक क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को मिलेगा। वहीं CNG का इस्तेमाल करने वाले ऑटो, टैक्सी और निजी वाहन चालकों की जेब पर बोझ कम होगा। इसके साथ ही घरों में खाना पकाने के लिए PNG का उपयोग करने वाली गृहिणियों को भी सस्ती गैस का लाभ मिलेगा।
कंपनियों को सख्त निर्देश: मुनाफा न रखें, लाभ जनता को दें
PNGRB ने सभी गैस कंपनियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि इस रैशनलाइज्ड टैरिफ का पूरा फायदा (Full Benefit) उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए। बोर्ड ने कहा है कि कंपनियां लाभ पहुंचा रही हैं या नहीं, इसकी नियमित निगरानी (Regular Monitoring) की जाएगी। अगर कंपनियां दाम कम नहीं करती हैं, तो उन पर कार्रवाई हो सकती है।
पूरे देश में गैस इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
अब पूरे देश को गैस नेटवर्क से कवर करने के लिए लाइसेंस दिए जा चुके हैं। इसमें सरकारी (PSU), निजी और संयुक्त उद्यम (Joint Venture) कंपनियां शामिल हैं। PNGRB अब केवल एक नियामक नहीं, बल्कि एक सुविधा प्रदाता (Facilitator) की भूमिका भी निभा रहा है। बोर्ड राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर VAT कम कराने और अनुमतियों की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद कर रहा है, ताकि नेचुरल गैस की खपत बढ़ाई जा सके।