डिजिटल पेमेंट में सुरक्षा की क्रांति: NPCI के नए नियमों से अब यूजर्स बनेगा बॉस!

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upi ncpi guidelines- फोटो : Social Media

भारत के डिजिटल भुगतान प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया निर्देश जारी किया है, जो यूपीआई (UPI) एप्लिकेशन्स को यूजर की स्पष्ट सहमति प्राप्त करने का निर्देश देता है। यह कदम यूजर के नियंत्रण को सुनिश्चित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। NPCI के इस फैसले से डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में न केवल सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह यूजर्स के विश्वास को भी बढ़ावा देगा।

नई दिशा-निर्देशों के तहत, अब UPI ऐप्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूजर सहमति का विकल्प ‘चेक्ड आउट’ रहे, जिससे यूजर को सक्रिय रूप से ऑप्ट-इन करना पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि बिना यूजर की अनुमति के कोई भी UPI नंबर सीड या पोर्ट नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, यह नियम 31 मार्च 2025 तक लागू होना अनिवार्य होगा, जिससे यूपीआई लेन-देन में पारदर्शिता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।

NPCI की इस पहल में एक और अहम बदलाव यह है कि यूपीआई एप्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को अब हर सप्ताह मोबाइल नंबर रिवोक्शन लिस्ट (MNRL) और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) का उपयोग कर अपने डेटाबेस को अपडेट करना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मोबाइल नंबरों के बदलने पर लेन-देन में कोई गड़बड़ी न हो।

NPCI ने यह भी स्पष्ट किया है कि लेन-देन के दौरान यूजर से सहमति लेना पूरी तरह से निषिद्ध होगा, ताकि किसी भी प्रकार का दबाव या धोखाधड़ी न हो। इसके अलावा, यदि NPCI के मैपर से जवाब आने में देरी होती है, तो PSPs को स्थानीय स्तर पर UPI नंबरों का समाधान करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उन्हें इसकी रिपोर्ट NPCI को मासिक रूप से देनी होगी।

1 अप्रैल 2025 से, PSPs और UPI ऐप्स को NPCI को हर महीने विस्तृत रिपोर्ट्स देने होंगे, जिसमें यूपीआई नंबर सीडिंग, सक्रिय यूजर्स और डि-रजिस्टर किए गए यूपीआई नंबरों के आंकड़े शामिल होंगे। इस कदम से NPCI की पारदर्शिता बनाए रखने और सिस्टम में किसी भी गड़बड़ी को सुधारने का इरादा साफ है।

यह पहल डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। NPCI की यह मजबूत दिशा-निर्देशी रणनीति न केवल भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली को और सुरक्षित बनाएगी, बल्कि यह उपभोक्ताओं के विश्वास को भी बढ़ावा देगी। डिजिटल भुगतान की दुनिया में अब यूपीआई ऐप्स को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें।

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