SBI FD और SIP: कौन सा निवेश आपके लिए सही है?
अगर आप स्थिर रिटर्न्स और कम जोखिम चाहते हैं, तो SBI FD सही विकल्प है। यदि आप उच्च रिटर्न्स और लंबी अवधि के निवेश के लिए तैयार हैं, तो SIP को प्राथमिकता दें।

वित्तीय सफलता के लिए सही निवेश का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय निवेशकों के लिए दो प्रमुख विकल्प हैं: SBI फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP)। दोनों के अपने लाभ और जोखिम हैं, और इनका चयन आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता, और निवेश अवधि पर निर्भर करता है।
SBI FD एक सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प है, जिसमें निवेशक को निश्चित ब्याज दर मिलती है। SBI की एफडी में ब्याज दर 3.50% से लेकर 7.25% तक है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह 4% से 7.75% तक हो सकती है। लंबी अवधि के लिए टैक्स सेविंग एफडी में निवेश पर 6.50% से 7.50% का ब्याज मिलता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप ₹9,50,000 का निवेश करते हैं, तो दस साल बाद आपकी राशि ₹18,10,281 हो सकती है, जिसमें ₹8,60,281 का लाभ मिलेगा। यह एक कम जोखिम वाला निवेश है और जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त है।
वहीं, SIP एक नियमित निवेश योजना है, जो म्यूचुअल फंड्स में किया जाता है। इसमें निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होता है। SIP में रिटर्न्स बाजार की स्थिति पर निर्भर करते हैं और लंबी अवधि में अच्छे लाभ की संभावना रहती है। उदाहरण के लिए, ₹9,50,400 निवेश पर 10 साल में ₹17,74,364 हो सकती है, जिसमें ₹8,23,964 का लाभ मिलेगा। हालांकि, इसमें उच्च जोखिम होता है, और यह उन निवेशकों के लिए है जो बाजार के उतार-चढ़ाव को सहन कर सकते हैं।