UPI News: UPI ट्रांजैक्शन में आज से बड़ा बदलाव, यूजर्स को होगा फायदा या नुकसान? पेमेंट करने से पहले जान लीजिए

UPI News: देशभर में आज से यूपीआई ट्रांजैक्शन में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों से यूजर्स को फायदा होगा या नुकसान आइए जानते हैं।

UPI transaction Big change
UPI transaction Big change- फोटो : social media

UPI News: यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से भुगतान करने वाले यूजर्स के लिए एक अहम बदलाव किया गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई ट्रांजैक्शन से जुड़ी सर्विसेज की समय सीमा में कटौती की है। यह बदलाव सोमवार से लागू हो गया है और इसका मकसद यूपीआई से होने वाले लेनदेन को और तेज़ तथा सुविधाजनक बनाना है।

अब सिर्फ 10 सेकंड में मिलेगा ट्रांजैक्शन और रिवर्सल स्टेटस

एनपीसीआई द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, अब यूपीआई के जरिए किए गए ट्रांजैक्शन का स्टेटस केवल 10 सेकंड में मिल जाएगा। पहले इसके लिए 30 सेकंड तक इंतजार करना पड़ता था। वहीं, फेल ट्रांजैक्शन की रिवर्सल प्रक्रिया भी अब 10 सेकंड के भीतर पूरी की जाएगी।

वैलिडेशन टाइमिंग में भी कटौती

पेमेंट एड्रेस (पे और कलेक्ट) के वैलिडेशन के लिए समय सीमा को भी घटा दिया गया है। अब यह प्रक्रिया अधिकतम 10 सेकंड में पूरी की जाएगी जबकि पहले इसके लिए 15 सेकंड का समय निर्धारित था। इससे यूजर्स को फायदा होगा। वहीं समय भी कम लगेगा। 

यूजर्स का अनुभव होगा बेहतर

एनपीसीआई के मुताबिक, इन बदलावों का उद्देश्य यूपीआई यूजर्स को और बेहतर अनुभव प्रदान करना है। ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग में लगने वाला समय घटाने से उपयोगकर्ताओं का समय बचेगा और सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

दो लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन की सुविधा

यूपीआई आधारित ऐप्स जैसे कि फोन पे, गूगल पे और पेटीएम के माध्यम से यूजर्स एक बार में या किस्तों में अधिकतम दो लाख रुपये तक का भुगतान कर सकते हैं। यूपीआई के जरिए लेनदेन अब देशभर की छोटी-बड़ी दुकानों से लेकर ऑनलाइन खरीदारी तक में प्रमुख माध्यम बन चुका है।

साइबर धोखाधड़ी से सतर्क रहने की सलाह

हालांकि डिजिटल पेमेंट के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी यूपीआई ऐप के माध्यम से भुगतान करते समय सतर्क रहना आवश्यक है। अनजान लिंक या QR कोड स्कैन करने से बचें, किसी को भी OTP या यूपीआई पिन न बताएं, और नियमित रूप से ऐप अपडेट करते रहें। इस बदलाव के बाद यूपीआई सिस्टम पहले से ज्यादा तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद बन गया है।