Chhattisgarh Education Department: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में शिक्षा विभाग के 10 कर्मचारियों पर बिना अनुमति के विदेश यात्रा पर जाने का गंभीर आरोप लगा है। इन कर्मचारियों ने आकस्मिक अवकाश (सीएल) और अन्य छुट्टियों के आवेदन देकर विदेश यात्रा पर जाने का निर्णय लिया, लेकिन उन्होंने शासन से अनुमति नहीं ली।
पैरेंट्स एसोसिएशन की शिकायत और अनुशासनहीनता का आरोप
इस मामले में छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल को एक शिकायत पत्र भेजा है। उन्होंने सभी लिपिकों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पॉल का आरोप है कि इन 10 लिपिकों ने बिना अनुमति के विदेश यात्रा पर जाकर अनुशासनहीनता की है, क्योंकि सरकारी नियमों के अनुसार, किसी भी शासकीय कर्मचारी को विदेश यात्रा से पहले सचिव स्तर के अधिकारी से अनुमति लेनी होती है।
छुट्टी का ऑनलाइन आवेदन और यात्रा का विवरण
शिकायत में बताया गया है कि इन कर्मचारियों में से 5 लिपिक जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय में और 5 विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय में पदस्थ हैं। सभी ने ऑनलाइन आवेदन में अवकाश का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि वे कहां यात्रा पर जा रहे हैं। ऑनलाइन छुट्टी आवेदन में कुछ लिपिकों ने तीर्थ यात्रा का कारण बताया है, जबकि वास्तव में सभी कर्मचारी नेपाल यात्रा पर गए हैं।
संभावित कार्रवाई और नोटिस जारी करने की योजना
हालांकि, इस मामले में डीईओ कार्यालय की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार सभी कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा सकता है। डीईओ प्रवास बघेल का कहना है कि इस प्रकार की अनुशासनहीनता गंभीर है, और जल्द ही इस मामले में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
नियमों के उल्लंघन पर अधिकारियों का रुख
शासकीय नियमों के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति के विदेश यात्रा नहीं कर सकता। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल अनुशासनहीनता का संकेत देती हैं, बल्कि यह सरकारी नियमों का उल्लंघन भी है। अब देखना यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इस पर क्या कदम उठाता है और इन कर्मियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।