N4N डेस्क: झारखंड पुलिस को मंगलवार को बड़ी सफलता मिली. पलामू जिले में एटीएस ने झारखंड के सबसे बड़े गैंगस्टर अमन साहू को मुठभेड़ में मार गिराया. अमन के मारे जाने के बाद अब अब मयंक सिंह और राहुल सिंह उसके गिरोह का संचालन करेंगे. इस संबंध में अमन साहू गिरोह के मयंक सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है.सोशल मिडिया पर मयंक सिंह की आईडी से जारी प्रेस रिलीज कहा है कि अब गैंग का संचालन मयंक सिंह और राहुल सिंह करेंगे. गैंग से जुड़े सभी लोगों और बॉस अमन साहू से व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए सभी लोगों को ये बताना चाहता हूं कि आपलोगों को किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी है. बॉस अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनका साथ हमेशा हमारे साथ और हमारे ऊपर बना रहेगा.
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अमन साहू का जेल के अंदर रहना जैसे हमारे लिए कमजोरी थी. उसके ठीक उल्टा अब हमलोग उनके कारण और भी दिव्य, गंभीर और शक्तिशाली बन गये हैं. हमें अपने भाई अमन साहू पर गर्व है कि उसने जीते जी पूरे तंत्र को हिला रखा था. इस बात का भी गर्व है कि पूरे सिस्टम का मालिक होने के बाद भी विरोधियों को हमारे भाई को साजिश रचकर मारना पड़ा.
कौन है मयंक सिंह
मयंक सिंह का असली नाम सुनील मीणा है. वह राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के नयी मंडी थाना क्षेत्र के जीडीए पुरानी मंडी घड़ासान का रहनेवाला है. उस पर पतरातू में धमकी देने का एक मामला दर्ज था. फिलहाल उस केस का अनुसंधान एटीएस कर रही है. उस केस में एटीएस की टीम राजस्थान जाकर इश्तेहार वारंट का तामिला करने की कार्रवाई कर चुकी है. इसी केस में उसके फरार रहने की वजह से एटीएस के अनुरोध पर उसका पासपोर्ट जब्त करने की कार्रवाई की गयी थी. क्योंकि, पूर्व में यह बात सामने आयी थी कि वह मलेशिया में बैठकर गिरोह चलाता है. इसके बाद एटीएस के अनुरोध पर उसके खिलाफ इसी केस में रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए सीबीआइ के माध्यम से इंटरपोल के पास प्रस्ताव भेजा गया था. इसी के बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिसके आधार पर विगत दिनों उसके अजरबैजान से पकडे जाने की खबर उडी थी. लेकिन अबतक उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.
43 कांडों का आरोपी है मयंक उर्फ सुनील
मयंक सिंह के खिलाफ अधिकांश आपराधिक मामले राजधानी रांची के हैं. इसके अलावा उस पर चतरा, लातेहार, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, पलामू सहित अन्य जिलों में करीब 43 केस दर्ज हैं. उस पर गिरिडीह जेलर को धमकी देने और तुपुदाना व रामगढ़ के व्यवसायियों को रंगदारी के लिए धमकाने का आरोप है. वहीं, लातेहार में रंगदारी को लेकर सुजीत सिन्हा और अमन साहू गिरोह द्वारा फायरिंग कराने की घटना की जिम्मेदारी मयंक सिंह द्वारा लिये जाने की बात सामने आ चुकी है. इसके अलावा रांची के अन्य व्यवसायियों से भी मयंक सिंह के नाम पर रंगदारी मांगने का मामले सामने आ चुके हैं.