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ED ने किया 3 वकीलों को गिरफ्तार,रेलवे के साथ आम पब्लिक को लगाया ऐसा चुना कि जांच एजेंसियों का दिमाग घूम गया

railway claims - रेलवे में क्लेम्स की राशि में बड़ा घोटाला किया जा रहा है। घोटाला भी ऐसा कि ईडी से लेकर सीबीआई के अधिकारी भी हैरान हो गए। पटना में इस घोटाले में शामिल तीन वकीलों को गिरफ्तार किया गया है। जिन्होंने सैकड़ों लोगों को चूना लगाया है।

 ED ने किया 3 वकीलों को गिरफ्तार,रेलवे के साथ आम पब्लिक को लगाया ऐसा चुना कि जांच एजेंसियों का दिमाग घूम गया

PATNA - प्रवर्तन निदेशालय पटना ने रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल (RCT) घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने इस कार्रवाई में तीन वकील - बिद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा और विजय कुमार को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद आज कोर्ट ने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले बीते बुधवार को इस मामले में जज आर.के. मित्तल और अन्य वकीलों से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे गए।

रेलवे क्लेम्स में मिली थी बड़ी गड़बड़ी

जानकारी के अनुसार ईडी ने यह जांच सीबीआई, पटना एसीबी द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। दर्ज. एफआईआर में रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल, पटना में बड़ी संख्या में अनियमितताओं और आपराधिक साजिशों का उल्लेख था। इसमें अज्ञात रेलवे कर्मचारियों, बिद्यानंद सिंह, परमानंद सिंह, विजय कुमार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

तीनों वकील ने 900 क्लेम मामले में की पैरवी

इसमें पटना में रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल द्वारा फाइल, प्रोसेस्ड और निर्णय किए गए डेथ क्‍लेम मामलों में बड़े पैमाने पर अनियमितता होने के आरोप लगाए गए। ईडी ने आरोप लगाया कि दुर्घटनाग्रस्त रेलवे क्‍लेम मामलों में दावा करने वालों को स्वीकृत राशि का केवल एक हिस्सा ही मिला और उसका एक बड़े पार्ट पर आरोपियों हेराफेरी कर कब्‍जा कर लिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि विद्यानंद सिंह और उनकी टीम (जिसमें परमानंद सिन्हा और विजय कुमार शामिल हैं) ने लगभग 900 मामलों को संभाला। इन मामलों में जज आरके मित्तल की ओर से आदेश दिए गए। क्‍लेम करने वालों को लगभग 50 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था. 

दावाकर्ताओं के नाम पर फर्जी एकाउंट खोलकर किया पैसों का ट्रांसफर

ईडी ने आगे बताया कि जांच यह पाया गया कि इन वकीलों ने दावा करने वालों की जानकारी के बिना उनके बैंक खाते खोले और खुद ही उसे ऑपरेट भी किया. उनके हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान का उपयोग करके रेलवे से क्‍लेम में मिली राशि को अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया या फिर कैश निकाल लिया

ईडी ने बताया कि तलाशी के दौरान वकीलों और जज द्वारा अर्जित प्रॉपर्टी की पहचान की गई। डिजिटल रिकॉर्ड सहित रिकवरी की गई है, जिसमें दावा करने वालों द्वारा हस्ताक्षरित खाली चेक और कोरे कागज शामिल हैं।


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