बिहार परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार जिंदा शख्स खा रहा धक्का मुर्दे का ड्राइविंग लाइसेंस जारी

बिहार परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार जिंदा शख्स ख

N4N डेस्क: बिहार के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का घुन इस कदर पैबस्त हो चुका है कि यहां पैसों की खातिर जिंदा और मुर्दों में फर्क करना भी भूल गए है. हालाँकि इससे पहले भी इस विभाग के भ्रष्टाचार में अकंठ डूबने की खबरे सुर्खिया बटोर चुकी है. साहब से लेकर चपरासी तक क्या कहना! बस हमाम में सब के सब नंगे है पैसा फेको और तमाशा देखो का नजीर बन चूका यह विभाग. 


बिहार परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की यह कहानी किसी खौफनाक या भुतहा उपन्यास की पटकथा से कम नहीं. भला सोचिये की 3 साल पहले जो शख्स दुनिया से विदा हो गया उसे यह विभाग न सिर्फ जिन्दा करता है बल्कि डंके की चोट पर जीवित होने का ऐसा दस्तावेज बना देता है जो सड़क पर दौड़ती मशीन को नियंत्रित करता है. मतलब बात तो वही हुआ जहाँ जिन्दा शख्स धक्के खा रहा है वहां मुर्दा मौज ले रहा है.  


इसकी बानगी दिखी है बेगूसराय जिला परिवहन विभाग में जहां एक शख्स की मौत होने के बाद भी बिना किसी जांच पड़ताल और सत्यापन के सिर्फ और सिर्फ चांदी के चंद सिक्को खातिर उस मृत व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस उसकी मौत के लगभग 3 साल बाद न केवल ड्राइविंग जारी कर दिया गया बल्कि बाकायदा मुर्दे का बायोमेट्रिक्स और डिजिटल सिग्नेचर भी करा लिया. 

धीरज पराशर की रिपोर्ट